प्रेम के अतिरिक्त अमृत नहीं

Webdunia
प्यारी दुलारी,

प्रेम। तेरा पत्र।
इतनी प्रेम से भरी बातें तूने लिखी है कि एक-एक शब्द मीठा हो गया है। क्या तुझे पता है कि जीवन में प्रेम के अतिरिक्त न कोई मिठास है, न कोई सुवास है? शायद प्रेम के अतिरिक्त और कोई अमृत नहीं है! काँटों में भी जो फूल खिलते हैं- वे शायद प्रेम से ही खिलते हैं।

और मृत्यु से घिरे जगत में जो जीवन का संगीत जन्मता है- वह शायद प्रेम से ही जन्मता है। लेकिन, आश्चर्य है तो यही कि अधिकतम लोग बिना प्रेम के ही जिए चले जाते हैं। निश्चित ही उनका जीवन जीवित-मृत्यु ही हो सकता है।

मैं यह जानकर आनंदित हूँ कि तू प्रेम के मंदिर के निकट पहुँच रही है। प्रेम की गहराइयों में उतर जाना ही प्रार्थना है। और प्रेम में पूर्णतया खो जाना ही प्रभु को पा लेना है।

रजनीश के प्रणाम
30 /06/1968

साभार : ढाई आखर प्रेम का
जीवन जागृति केंद्र प्रकाशन
Show comments

गर्भवती महिलाओं को क्यों नहीं खाना चाहिए बैंगन? जानिए क्या कहता है आयुर्वेद

हल्दी वाला दूध या इसका पानी, क्या पीना है ज्यादा फायदेमंद?

ज़रा में फूल जाती है सांस? डाइट में शामिल ये 5 हेल्दी फूड

गर्मियों में तरबूज या खरबूजा क्या खाना है ज्यादा फायदेमंद?

पीरियड्स से 1 हफ्ते पहले डाइट में शामिल करें ये हेल्दी फूड, मुश्किल दिनों से मिलेगी राहत

प्राइमरी टीचिंग में करियर बनाएं

वरुण धवन की फिटनेस का राज़ हैं ये 5 Detox Drinks, ऐसे करें अपनी डाइट में शामिल

खीरे के छिलकों से बनाएं ये हेयर मास्क, बाल बनेंगे मुलायम और खूबसूरत

उलझे और फ़्रीज़ी बालों को मुलायम बनाने के लिए इस्तेमाल करें ये 3 हेयर मास्क

Men Face Glow Tips: इन 8 आदतों से भारतीय पुरुष की स्किन रहेगी ग्लोइंग और हेल्दी