ग्रहण का शुभ फल चाहिए तो चंद्र ग्रहण में जपें ये 10 खास मंत्र

Webdunia
lunar eclipse : हिन्दू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण की घटना को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। ज्योतिष में ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है, किंतु चंद्र ग्रहण को मंत्रों की सिद्धि के लिए सर्वश्रेष्ठ समय माना गया है। अत: ग्रहण काल में किसी भी एक मंत्र को, या जिसकी सिद्धि करना हो या किसी विशेष प्रयोजन हेतु सिद्धि चाहते हैं तो, निम्न में से कोई भी मंत्र जप सकते हैं। बता दें कि ग्रहण काल में मंत्र जपने के लिए माला की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि समय का ही महत्व होता है।
 
इस बार वर्ष 2023 में 2 चंद्र ग्रहण है। पहला चंद्र ग्रहण जहां 5 मई, दिन शुक्रवार को लगा था, वहीं दूसरा चंद्र ग्रहण 28 और 29 अक्टूबर 2023 के दरम्यान पड़ रहा है। अत: चंद्र ग्रहण के दिन चंद्रदेव की प्रसन्नता के लिए उन मंत्रों को पढ़ना चाहिए जो उनसे संबंधित है। अत: इस बार चंद्र ग्रहण के समयावधि में इनमें से किसी भी मंत्र का जाप करें। आइए जानें ग्रहण काल में जपने योग्य 10 खास मंत्र और मंत्र जाप की विधि -
 
मंत्र जाप की सरल विधि : 
कोई मंत्र तब ही सफल होता है, जब आप का उसमें पूर्ण श्रद्धा व विश्वास हो। किसी का बुरा चाहने वाले मंत्र सिद्धि प्राप्त नहीं कर सकते। मंत्र जपते समय एक खुशबूदार अगरबत्ती प्रज्वलित कर लें। इससे मन एकाग्र होकर जप में लगता है और ध्यान भटकता भी नहीं है। अत: निम्न मंत्रों को ग्रहण काल में विधिवत जाप करने से दिव्य फल प्राप्त होता है और जीवन की सभी मुसीबतें दूर होती है।
 
चंद्र ग्रहण के मंत्र : Chandra Grahan Mantras
 
1. ॐ सों सोमाय नमः।
 
2. ॐ चं चंद्रमस्यै नम:।
 
3. ॐ ऐं क्लीं सौमाय नामाय नमः।
 
4. ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः।
 
5. कोर्ट-कचहरी, मुकदमे में विजय प्राप्ति मंत्र। इसमें 'सर्वदुष्टानां' की जगह जिससे छुटकारा पाना हो उसका नाम लें। - ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।। 
 
6. नौकरी, व्यापार वृद्धि मंत्र- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।
 
7. लक्ष्मी प्राप्ति मंत्र- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं ॐ स्वाहा:।
 
8. वाक् सिद्धि हेतु- ॐ ह्लीं दुं दुर्गाय: नम:।
 
9. ॐ शीतांशु, विभांशु अमृतांशु नम:।
 
10. शत्रु नाशक बगुलामुखी मंत्र- 'ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै सर्व दुष्टानाम वाचं मुखं पदम् स्तम्भय जिह्वाम कीलय-कीलय बुद्धिम विनाशाय ह्लीं ॐ नम:।'
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

ALSO READ: 28 अक्टूबर को चंद्रग्रहण, जानिए 12 राशियों पर इसका असर

ALSO READ: चंद्र ग्रहण कब है, कहां दिखाई देगा और क्या रहेगा सूतक काल?

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Akshay Tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर क्या है खरीदारी का सबसे शुभ मुहूर्त?

अक्षय तृतीया का जैन धर्म से क्या है कनेक्शन, जानें महत्व

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर घटी थी ये 10 पौराणिक घटनाएं

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर सोने के अलावा भी खरीद सकते हैं ये 5 चीजें

Akshaya tritiya 2024 : 23 साल बाद अक्षय तृतीया पर इस बार क्यों नहीं होंगे विवाह?

Maa laxmi : रूठी हुई मां लक्ष्मी को कैसे मनाएं?

Aaj Ka Rashifal: आज किसे मिलेंगे धनलाभ के अवसर, जानें 07 मई का राशिफल

07 मई 2024 : आपका जन्मदिन

07 मई 2024, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

ChaturSagar Yog : चतुरसागर योग क्या होता है, जातक बन सकता है विश्व प्रसिद्ध

अगला लेख