मध्यप्रदेश विधानभा चुनाव में इस बार बुंदेलखंड में सियासत का ऊंट किस करवट बैठेगा इस पर सबकी नजरें टिकी है। बुंदेलखंड के सबसे प्रमुख जिला सागर में इस बार तीन कैबिनेट मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। वहीं कांग्रेस ने सागर में 4 महिला उम्मीदवारों को उतारकर चुनाव को काफी दिलचस्प बना दिया है। सागर जिले की आठ विधानसभा सीटों में से चार विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने महिला प्रत्याशियों को टिकट दिया है। सागर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने निधि जैन, रहली विधानसभा सीट पर ज्योति पटेल, बीना विधानसभा सीट पर निर्मला सप्रे और खुरई विधानसभा सीट पर रक्षा राजपूत को प्रत्याशी बनाया है।
1-रहली विधानसभा सीट- सागर जिले की रहली विधानसभा सीट प्रदेश की चर्चित विधानसभा सीटों में से एक है। रहली विधानसभा सीट से शिवराज कैबिनेट के सीनियर मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता गोपाल भार्गव 9 वीं बार चुनावी मैदान में है। 8 बार के विधायक गोपाल भार्गव को रोकने के लिए कांग्रेस ने महिला चेहरे ज्योति पटेल को चुनावी मैदान में उतारा है। पेशे से इंजीनियर कांग्रेस उम्मीदवार ज्योति पटेल युवा चेहरा होने के साथ लोधी-कर्मी वोटर्स पर गहरी बैठ रखती है।
अगर रहली विधानसभा सीट के चुनावी इतिहास को देखे तो यहां पर भाजपा उम्मीदवार गोपाल भार्गव का पलड़ा काफी भारी है। लगातार क्षेत्र में सक्रियता और विकास के मुद्दें पर चुनावी मैदान में उतरे गोपाल भार्गव अपने बयानों के चलते काफी चर्चा में है। पिछले दिनों उन्होंने अपने एक बयान में मुख्यमंत्री बनने तक इच्छा भी जता दी थी।
2-खुरई विधानसभा सीट- खुरई विधानसभा सीट भी प्रदेश की हाईप्रोफाइल विधानसभा सीटों में से एक है। खुरई से शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह एक बार फिर भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में है। वहीं भूपेंद्र सिंहं को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने महिला चेहरे रक्षा राजपूत को अपना उम्मीदवार बनाया है। चुनाव से ठीक पहले भाजपा के खुरई से कई नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने से पूरी पार्टी एकजुट दिखाई दे रही है।
वहीं खुरई विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार भूपेंद्र सिंहं ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अरुणोदय चौबे को बड़े अंतर से हराया था। लगातार सुर्खियों में रहने वाले भूपेंद्र सिंह जहां इस बार अपनी जीत का मार्जिन बढ़ना चाहते है। वहीं कांग्रेस भूपेंद्र सिंह को घर में घेर कर चुनावी उलटफेर की कोशिश में जुटी हुई है।
3-सुरखी विधानसभा सीट- सुरखी विधानसभा सीट से शिवराज कैबिनेट में मंत्री और ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक गोविंद सिंह राजपूत के चुनावी मैदान में उतरने से प्रदेश की एक हाईप्रोफाइल सीट है। वहीं कांग्रेस ने सुरखी से ब्राह्मण चेहरे के तौर पर नीरज शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है।
मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए गोविंद सिंह राजपूत ने उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार पारुल साहू को 40 हजार से अधिक वोटों से हराकर बड़ी जीत हासिल की थी। इस बार चुनाव में चुनाव में कांग्रेस ने ब्राह्मण चेहरे नीरज शर्मा को चुनावी मैदान में उतारकर चुनाव को रोचक बना दिया है। ब्राह्मण समाज के बड़े वोट बैंक के चलते चुनाव में गोविंद सिंह राजपूत और नीरज शर्मा के बीच कांटे का मुकाबला हो गया है। कांग्रेस उम्मीदवार नीरज शर्मा चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे। नीरज शर्मा के लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहने से उनको चुनावी फायदा हो सकता है
4-सागर विधानसभा सीट-सागर विधानसभा सीट पर भाजपा ने अपने वर्तमान विधायक शैलेंद्र जैन को फिर प्रत्याशी बनाया था। शैलेंद जैन पिछले तीन चुनाव जीत कर हैट्रिक बना चुके है वहीं कांग्रेस ने सागर विधानसभा सभा सीट से निधि जैन को अपना उम्मीदवार बनाया है। दिलचस्प बता यह है कि निधि जैन भाजपा प्रत्याशी शैलेंद्र जैन के छोटे भाई सुनील जैन की पत्नी है और रिश्ते में शैलेंद्र जैन की बहू लगती है। ऐसे में इस सीट पर जेठ बनाम बहू का मुकाबला है। अगर साल 2018 विधानसभा चुनाव की बात करें तो यहां भाजपा के शैलेंद्र जैन ने कांग्रेस के नेवी जैन को 17,366 वोटों से हराया था। ऐसे में इस बार कांग्रेस ने अपना चेहरा बदलकर चुनाव को काफी रोचक बना दिया है।
5-बीना विधानसभा सीट-सागर की बीना विधानसभा सभा सीट पर भाजपा ने महेश राय को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने महिला चेहरे निर्मला सप्रे को उतारकर मुकाबले को काफी रोचक बना दिया है। भाजपा उम्मीदवार तीसरी बार चुनाव जीत कर हैट्रिक लगाने की तैयारी मे है। अगर 2018 के चुनाव की बात करे तो भाजपा उम्मीदवार महेश राय ने नजदीकी मुकाबले में कांग्रेस उम्मीदवार शशि कैथोरिया को मात्र 460 वोटों से हराया था।
6-नरियावली विधानसभा सीट- नरियावली विधानसभा सीट पर भाजपा ने अपने वर्तमान विधायक प्रदीप लारिया को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने सुरेंद्र चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस को इस सीट पर बगावत का सामना करना पड़ा रहा है। वहीं कांग्रेस उम्मीदवार सुरेंद्र चौधरी लगातार दो बार 2013 और 2018 का चुनाव प्रदीप लारिया से हार चुके है। ऐसे इस बार भी प्रदीप लारिया का पलड़ा भारी नजर आ रहा है।
7-देवरी विधानसभा सीट-देवरी विधानसभा सीट पर वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है और कांग्रेस ने मौजूदा विधायक हर्ष यादव को फिर मैदान में उतारा है। वहं भाजपा ने पूर्व विधायक बृजबिहारी पटेरिया को अपना उम्मीदवार बनाया है। बृजबिहारी पटेरिया चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे और उनकी क्षेत्र में अच्छी पकड़ मानी जाती है। ऐसे में इस बार देवरी विधानसभा सीट पर चुनावी मुकाबला काफी कांटे का नजर आ रहा है।
8-बंडा विधानसभा सीट- बंडा विधानसभा सीट से भाजपा ने पूर्व सांसद शिवराज सिंहं लोधी के बेटे वीरेंद्र सिंह लोधी को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने वर्ममान तरवर सिंह लोधी पर फिर एक बार दांव लगाया है। लोधी वोटर्स के बाहुल्य वाली बंडा विधानसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों की ओर से लोधी समुदाय से आने वाले नेताओं को टिकट देने से चुनावी मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। बंडा विधानसभा सीट पर भाजपा को बगावत का सामना करना पड रहा है। भाजपा के बागी सुधीर यादव आम आदमी पार्टी से चुनावी मैदान में है जो भाजपा को सीधा नुकसान पहुंचा सकते है।