आखिरकार पंकज संघवी कांग्रेस से निष्कासित

Webdunia
शनिवार, 6 दिसंबर 2008 (16:04 IST)
प्रदेश कांग्रेस सचिव और इंदौर के कांग्रेस नेता पंकज संघवी को आखिरकार पार्टी ने छः वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है। उनके खिलाफ भीतरघात की शिकायतें मिली थीं। कांग्रेस में इससे पहले भी कई नेताओं को निकाला जा चुका है। कई अन्य नेताओं पर कार्रवाई जारी है।

गौरतलब है कि संघवी विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 5 से टिकट माँग रहे थे, लेकिन यह टिकट शोभा ओझा के खाते में गया। बाद में कांग्रेस को शिकायत मिली कि संघवी कांग्रेस उम्मीवार के खिलाफ काम कर रहे हैं। इसे लेकर संघवी को नोटिस भी जारी किया गया था। जवाब में संघवी ने कहा था कि उन्होंने कोई भीतरघात नहीं किया है। निष्कासन के बारे में जब संघवी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें अभी तक लिखित आदेश नहीं मिला है, मिलने के बाद प्रतिक्रिया देंगे।

मंडी अध्यक्ष को निकाला-ब्लॉक कांग्रेस कमेटी देपालपुर के अध्यक्ष तथा विधानसभा क्षेत्र प्रभारी द्वारका शारदा ने बताया कि देपालपुर मंडी अध्यक्ष मदनसिंह सोलंकी को पार्टी से 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है। उनके साथ ही ग्राम मानपुरा निवासी चंदनसिंह सुनेर को भी निष्कासित किया है। दोनों पर कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ काम करने का आरोप है। शारदा ने बताया कि अधिकृत प्रत्याशी की शिकायत तथा निगरानी समिति की रिपोर्ट के बाद यह फैसला लिया गया है। कांग्रेस के तीन अन्य नेताओं पर कार्रवाई के लिए प्रदेश कमेटी को पत्र लिखा गया है।

पहले भी कई निकाले-30 नवंबर को महू के शहर कांग्रेस अध्यक्ष कैलाशदत्त पांडे को 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है। उनके खिलाफ महू के कांग्रेस प्रत्याशी अंतरसिंह दरबार तथा कई अन्य लोगों ने शिकायत की थी। 3 दिसंबर को युवा कांग्रेस के सचिव आनंद शर्मा, संगठन सचिव विलास जैन, क्षेत्र क्रमांक 3 के उपाध्यक्ष मो. शाकीर खान, क्षेत्र क्रमांक 5 के उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह बुंदेला को पद से मुक्त कर दिया गया था। इनके अलावा पाँच अन्य पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। शहर युवा कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्रसिंह यादव के अनुसार सभी पर भीतरघात तथा निष्क्रियता का आरोप लगा था।

भाजपा में भी उठापटक जारी-इससे पहले भाजपा में वरिष्ठ नेता विष्णुप्रसाद शुक्ला, भाजपा खेलप्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ला, भाजयुर्मो के नगर महामंत्री विकास अवस्थी को पार्टी से निकाला था। एक दिन बाद ही विष्णुप्रसाद शुक्ला का निलंबन वापस ले लिया गया, लेकिन अन्य दो पदाधिकारियों का निलंबन जारी है। भाजपा में कई अन्य नेताओं की शिकायत भी की गई है। भाजपा की तरफ से भी कई नेताओं पर कार्रवाई का फैसला शीघ्र होने जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि मतगणना के बाद इसे अंजाम दिया जाएगा। (नईदुनिया)

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