भारत के हृदय स्थल मध्यप्रदेश का आज स्थापना दिवस है। एमपी में घूमने फिरने के लिए सैंकड़ों ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थल है। मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग कई जगहों के टूर भी आयोजित करता है और सस्ते दामों में रुकने की जगह भी मुहैया करवाता है। यदि आप मध्यप्रदेश में टूर एंड ट्रैवल्स करना चाहते हैं तो जानिए 10 सुंदर पर्यटना स्थलों के बारे में संक्षिप्त जानकारी।
1. अमरकंटक । Amarkantak: भारत के पर्यटन स्थलों में अमरकंटक प्रसिद्ध तीर्थ और नयनाभिराम पर्यटन स्थल है। विंध्य और सतपुड़ा पर्वतमालाओं के बीच 1065 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह हरा-भरा होने के साथ-साथ काफी लुभावना भी है। भारत की प्रमुख सात नदियों में से अनुपम नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकंटक है और यह मध्यप्रदेश के शहडोल जिले की पुष्पराजगढ़ तहसील के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित अमरकंटक पवित्र स्थलों में गिना जाता है।
2. भेड़ाघाट | bhedaghat: मानसून में यहां का झरना देखना अद्भुत है। यहां आपको सफेद संगमरमर के दो पहाड़ों के बीच नर्मदा नदी बहती हुई नजर आएगी। मध्यप्रदेश के जबलपुर के पास भेड़ाघाट नामक यह स्थान धुआंधार झरने के लिए भी प्रसिद्ध है। इसकी छटा अनुपम है और पानी के गिरने की आवाज दूर तक सुनाई देती है। नर्मदा में नौका-विहार करने का रोमांच ही कुछ और है। इसका आपको ध्यान रखना होगा कि बारिश में नर्मदा नदी उफान पर होती है।
3. पचमढ़ी | Pachmarhi : होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी मध्यप्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है जिसे मध्यप्रदेश का श्रीनगर और स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है। रोमांटिक स्थलों में यह टॉप पर है। ऊंचे ऊंचे पहाड़, झील, झरने, गुफाएं, जंगल सभी कुछ हैं यहां पर। राजधानी भोपाल से यहां पहुंचना और रहना बहुत ही आसान और सस्ता है। पचमढ़ी के पास ही अमरकंटक वह स्थान है जहां से नर्मदा नदी का उद्गम हुआ है। हालांकि मानसून में घूमने यहां पर जा रहे हैं तो अपनी रिस्क पर ही जाएं क्योंकि यहां पर पहाड़ी पर ले जानी वाली जीप बंद हो जाती है। आप कुछ स्थानों की यात्रा बाइक से और कुछ की पैदल कर सकते हैं। पंचमढ़ी जा रहे हैं तो पास में ही अमरकंटक जरूर जाएं।
4. सांची के स्तूप | Stupa of Sanchi: सांची एक ऐसी जगह है जो ऐतिहासिक स्थलों के साथ ही प्राकृतिक स्थल के लिए भी जाना जाता है। सांची केवल बौद्ध धर्म को समर्पित नहीं है यहां जैन और हिन्दू धर्म से सम्बंधित साक्ष्य मौजूद हैं। मौर्य और गुप्तों के समय के व्यापारिक मार्ग में स्थित होने के कारण इसकी महत्ता बहुत थी और आज भी है। सांची अपने आंचल में बहुत सारा इतिहास समेटे हुए है।
5. ओमकारेश्वर | Omkareshwar: इंदौर के पास करीब 90 किलोमीटर दूर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का मंदिर नर्मदा नदी के तट पर स्थित है। मानसून में यहां की यात्रा के दौरान नदी और घाटों के नजारे कई गुना ज्यादा सुंदर दिखाई देते हैं। यात्रा के दौरान ऐतिहासिक घाटों, प्राकृतिक खूबसूरती को संजोए पर्वत, आश्रमों, डेम, बोटिंग आदि का लुत्फ भी लिया जा सकता है। ओंकारेश्वर के पास ही महारानी अहिल्याबाई की नगरी महेश्वर को देखना न भूलें। मंडलेश्वर भी पास में स्थित है।
6. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान | Kanha National Park: एशिया के सबसे सुरम्य और खूबसूरत वन्यजीव रिजर्वों में से एक है कान्हा राष्ट्रीय उद्यान। यहां पर हजारों पशु और पक्षियों का झुंड है। मंडला और जबलपुर शहर से सड़क मार्ग द्वारा 'कान्हा राष्ट्रीय उद्यान' तक पहुंचा जा सकता है। बारिश के मौसम में भी यहां पर घूमने की सरकार ने व्यवस्था की है। खटिया गेट से बफर जोन घूमने के लिए पर्यटकों को एंट्री टिकिट मिलेगी। यह जोन लगभग 35 वर्ग किमी का है और यहां अधिकांश वन्यप्राणी दिखाई पड़ते हैं। जबकि यह पार्क 1 जुलाई से 30 सितंबर तक के लिए बंद कर दिया जाता है। यहां जाने से पहले वर्तमान का स्टेटस जरूर देख लें।
7. ओरछा | Orchha : अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल और रामराजा की नगरी ओरछा में प्रतिदिन बड़ी संख्या में भारत से ही नहीं, बल्कि विदेशी सैलानी भी पहुंचते हैं। यहां पर ओरछा के राजाओं द्वारा बनाए गए भव्य मंदिर और स्मारकों को देखना अद्भुत है। बेतवा नदी के तट पर बसे ऐतिहासिक शहर ओरछा की स्थापना 16 वीं शताब्दी में बुंदेला राजपूत प्रमुख रुद्र प्रताप ने की थी।
8. चित्रकूट | Chitrakoot: पांच गांव का मिलाकर है चित्रकूट है। इसका कुछ हिस्सा उत्तर प्रदेश और कुछ मध्यप्रदेश में आता है। यहां के सुंदर प्राकृतिक स्थल, कल कल बहते झरने, घने जंगल, चहकते पक्षी और बहती नदियां मानसून एवं प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है। चित्रकूट मध्यप्रदेश के सतना जिले में आता है, जबकि चित्रकूट धाम उत्तर प्रदेश में पड़ता है।
9. बाघ की गुफाएं | Tiger Caves: मध्यप्रदेश के प्राचीन स्थल धार जिले में स्थित बाघ की गुफाएं इंदौर शहर से 60 किलोमीटर की दूरी पर ही है। बाघिनी नामक छोटी-सी नदी के बाएं तट पर और विंध्य पर्वत के दक्षिण ढलान पर स्थित इन गुफाओं का इतिहास भी रहस्यों से भरा है। माना जाता है कि इन गुफाओं का निर्माण भगवान बुद्ध की प्रतिदिन होने वाली दिव्यवार्ता को प्रतिपादित करने हेतु निर्मित और चित्रित किया गया था। प्राकृतिक छटाओं के बीच स्थित इन गुफाओं को बारिश में देखना बहुत ही अच्छा अनुभव रहेगा।
10. भोपाल | Bhopal: भोपाल में बहुत बड़ी झील है जिसे देखने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं। बारिश में यह शहर बहुत ही खूबसूरत नजर आता है। इस शहर के पास ही भीम बैठका, अभयारण्य और भोजपुर को देखना न भूलें। यह जहगें बारिश के मौसम में और भी ज्यादा खूबसूरत हो जाती है।
इसके अलावा सांची के स्तूप, तवा, पूनासा डेम, शिवपुरी, मांडू, खजुराहो आदि जगहों पर भी घूमा जा सकता है।