इंदौर। इंदौर (Indore news) के कलेक्टर मनीष सिंह ने आज बड़ा फैसला लेते हुए 6 माह से बंद पड़े धार्मिक स्थल (Religious Place) खोलने के आदेश जारी कर दिए हैं। अब विभिन्न धर्मों के श्रद्धालु पूजा के लिए मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च में जा सकेंगे। सभी बड़े धार्मिक स्थलों पर कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाना अनिवार्य रहेगा। कोई भी श्रद्धालु गर्भगृह में प्रवेश नहीं करेगा और पुजारियों को भी मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा। यही नहीं, श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करना होगा।
मनीष सिंह ने कहा कि इंदौर सर्राफा चौपाटी भी खुलेगी लेकिन वहां पर खड़े होकर खाने की अनुमति नहीं रहेगी। सराफा चौपाटी के व्यापारी सिर्फ टेकअवे यानी पार्सल ही दे सकेंगे। सनद रहे कि कलेक्टर ने यह आदेश तब दिए हैं, जबकि शहर में कोरोनावायरस संक्रमण के 23 हजार से ज्यादा केस आ चुके हैं जबकि 551 लोगों की मौत हो चुकी है।
यूं देखा जाए तो इंदौर शहर पूरी तरह से अनलॉक हो चुका है। कलेक्टर के नए आदेश के बाद धार्मिक स्थलों को भी अनलॉक किया गया है।
इससे पूर्व मनीष सिंह ने दोपहर में ही संकेत दे दिए थे कि धार्मिक स्थलों को खोला जाएगा। देर शाम उन्होंने इन्हें खोलने के आदेश भी जारी कर दिए।
उल्लेखनीय है कि 24 मार्च को लॉकडाउन के साथ ही पूरा इंदौर लॉक हो गया था। इसके बाद से ही धर्मस्थलों पर ताले डले हुए हैं। कई त्योहार आए और गए, लेकिन भक्त भगवान के दर पर नहीं जा पाए। रविवार को भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य 20 से ज्यादा समर्थकों के साथ खजराना मंदिर पहुंच गए थे, इसके बाद ही धार्मिक स्थलों को खोलने का दबाव बढ़ा।
जिला प्रशासन ने इंदौर शहर में 5 अगस्त को करीब 130 दिन बाद जिम, योग केंद्र, लाइब्रेरी, ब्यूटी पार्लर पर से पाबंदियां हटा ली गई थी। इसके अलावा इंदौर में लगे बाजारों पर प्रतिबंध को पूरी तरह से हटा लिया गया है। शहर में कुछ व्यापारिक संगठनों ने शनिवार और रविवार को स्वेच्छा से लॉकडाउन रखने का फैसला लिया था लेकिन जब उन्होंने देखा कि उपचुनाव के कारण नेता भीड़ इकठ्ठा कर रहे हैं तो उन्होंने न केवल शनिवार को दुकाने चालू रखी बल्कि रविवार को भी कई बाजार खुले रहे।