भोपाल। मध्यप्रदेश में नकली दूध बनाने के बड़े नेटवर्क का खुलासा होने के बाद अब कई जिलों के खाद्य सुरक्षा अधिकारी भी संदेह के घेरे में आ गए हैं। पूरे मामले की जांच कर ही एसटीएफ का मानना है कि नकली दूध का इतना बड़ा नेटवर्क बिना स्थानीय स्तर पर अधिकारियों की साठगांठ के बिना नहीं चलाया जा सकता है।
इसके बाद भिंड और मुरैना के खाद्य विभाग से जुडे अधिकारी भी संदेह के दायरे में आ गए हैं। एसटीएफ की अब तक की जांच में मिलावटखोरों और खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के बीच मिलीभगत होने की बात समाने आई है। इसके बाद ऐसे अधिकारियों के खिलाफ शिकंजा कसने की तैयारी शुरु हो गई है। अब एसटीएफ आरोपियों के कॉल डिटेल और उनसे पूछताछ कर अपनी जांच आगे बढ़ा रही है।
अफसरों के साठगांठ को लेकर वेबदुनिया ने जब स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट से सवाल पूछा तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अगर जांच में कोई भी अफसर दोषी पाया गया उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जा रही है।
एक्शन में मुख्यमंत्री कमलनाथ : प्रदेश में नकली दूध के बड़े नेटवर्क का खुलासा होने और मुख्यमंत्री कमलनाथ की नाराजगी के बाद अब सरकार एक्शन मोड में आ गई है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह खुद पूरे मामले की निगरानी कर रहे है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
सीएम के कड़े तेवर को देखते हुए अब स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने सभी संभाग के कमिश्नरों को ऐसे मामलों में रासुका के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने खाद्य और औषधीय प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक कर पूरे मामले पर नाराजगी जाहिर करते हुए ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
मंत्री ने अफसरों को जिला स्तर पर विशेष दस्ते बनाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। वहीं सरकार की सख्ती के बाद अब नकली दूध के मामले को लेकर प्रशासन ने तबाड़तोड़ छापा मार कार्रवाई शुरू कर दी है।