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हेमंत खंडेलवाल के भाजपा अध्यक्ष बनने पर CM मोहन यादव ने कहीं मन की बात !

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विकास सिंह

, बुधवार, 2 जुलाई 2025 (15:35 IST)
....जब हेमंत ऋतु आती है तो आनंद आ जाता है।
भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जब अपने अंदाज में हेमंत खंडेलवाल को बधाई तो भाजपा कार्यालय तालियों के गूंज गया है। कहते हैं कि सियासत में शब्दों के बहुत मायने होते है और यही मायने अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नए अध्यक्ष को स्वागत भाषण को लेकर तलाशे जा रहे है। नए अध्यक्ष के स्वागत भाषण में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि “अब तो हेमंत जी से शुरु करना होगा.....वैसे तो सब ऋतु का मजा है लेकिन हेमंत ऋतु की बात ही अलग ही होती है, जब हेमंत ऋतु आती है तो आनंद आ जाता है....हमको मालूम है कि हेमंत ऋतु के बाद ही दशहरे से लेकर दिवाली तक आनंद आता है”।

हेमंत खंडेलवाल को प्रदेश भाजपा संगठन की बागडोर सौंपने में मुख्यमंत्री  डॉ. मोहन यादव की अहम भूमिका है और अब खुद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस बात के लगातर संकेत दे रहे है। आज भाजपा कार्यालय में मुख्यमंत्री ‌डॉ मोहन यादव नए प्रदेश अध्यक्ष  हेमंत खंडेलवाल का हाथ पकड़ कर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और अध्यक्ष के निर्वाचन के बाद उन्हें मिठाई खिलाकर शुभकामना दी।   

मोहन यादव की संगठन नीति पर मुहर, खंडेलवाल को बागडोर-हेमंत खंडेलवाल को भाजपा अध्यक्ष बनाने पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अहम भूमिका रही। 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद जब मध्यप्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष के नाम की खोज शुरु हुई तो केंद्रीय नेतृत्व मोदी-शाह ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को यह जिम्मा सौंपा और उन्हें पूरी तरह से फ्री हैंड दे दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने पुरानी साथ हेमंत खंडेलवाल का नाम आगे कर अपनी संगठन नीति से प्रदेश भाजपा के सभी दिग्गजों को चौंका दिया। इतना ही मोहन यादव की पंसद के नाम पर आरएसएस ने भी अपनी मुहर लगा दी।
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हेमंत खंडेलवाल की प्रदेश अध्यक्ष पर नियुक्ति से अब यह पूरी तरह साफ हो गया है कि संगठन पर मोहन यादव की गहरी पकड़ है। पार्टी के राष्ट्रीय ‌नेतृत्व में 2023 के विधानसभा ‌चुनाव के बाद जिन उम्मीदों के साथ मोहन यादव के हाथों में सरकार की कमान सौंपी थी वह फैसला अब पूरी तरह खरा साबित हो रहा है। दरअसल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मात्र अपने डेढ़ साल के कार्यकाल में अपनी लगन, मेहनत और अपने निर्णयों के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को साथ लेकर प्रदेश की नहीं देश की राजनीति में खुद को एक मंझे हुए सियासी खिलाडी के तौर पर स्थापित कर लिया है।

डॉ.मोहन यादव का मुख्यमंत्री के रूप में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और खंडेलवाल की संगठनात्मक रणनीति मिलकर मध्यप्रदेश में भाजपा को और मजबूत कर सकती है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा संगठन दोनों को भी अब यह भरोसा है कि हेमंत खंडेलवाल के नेतृत्व में सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल बना रहेगा। आज अध्यक्ष पद पर ताजपोशी के बाद बाद खुद नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष ने संगठन और सरकार में सांमजस्य की बात कही।  

भाजपा को मिला नया नेतृत्व- हेमंत खंडेलवाल भाजपा अध्यक्ष का चुनाव यह साफ करता है कि पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व अब प्रदेश में नई पीढ़ी या जिसे पार्टी में सेकंड लाइन के नेता माना जाता है, उनको आगे लाने का फैसला पूरी तरह अडिग है। मुख्यमंत्री ‌डॉ. मोहन यादव की तरह हेमंत खंडेलवाल भी एक लो प्रोफाइल ‌नेता है और कार्यकर्ताओं के बीच उनकी छवि एक मिलनसार नेता की तौर पर है। हेमंत खंडेलवाल की राजनीतिक पृष्ठभूमि भी मजबूत रही है। उनके पिता विजय खंडेलवाल पूर्व सांसद और भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे हैं जिससे संगठन की उन्हें अच्छी समझ रही है। खंडेलवाल की बेदाग़ ईमानदार छवि और साफ-सुथरे ट्रैक रिकॉर्ड ने उन्हें अन्य दावेदारों से कहीं आगे करने का काम किया है।

बैतूल से आने वाले हेमंत खंडेलवाल ने पार्टी के एक कर्मठ व सामान्य कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी में संगठन शिल्पी के तौर पर अपनी अलग पहचान बनाई है। उनकी साफ-सुथरी छवि और कार्यकर्ताओं के साथ बेहतर तालमेल और आरएसएस से बेहतरीन तालमेल ने ने उन्हें इस पद के लिए सबसे  उपयुक्त उम्मीदवार बनाया। खंडेलवाल की ताजपोशी मालवा-निमाड़ से लेकर महाकौशल सरीखे क्षेत्रों में आने वाले दिनों में भी बड़ा प्रभाव छोड़ेगी जो प्रदेश में क्षेत्रीय संतुलन के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। खंडेलवाल मध्यप्रदेश भाजपा  के एक महत्वपूर्ण संगठनकर्ता और रणनीतिकार के रूप में जाने जाते हैं। जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं के साथ उनकी संवाद कला और कार्यकर्ताओं में मजबूत पकड़ ने उनके चयन में बड़ी भूमिका निभाई है।

खंडेलवाल के नेतृत्व से प्रदेश भाजपा में नई ऊर्जा– मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनने की दौड़ में भाजपा के कई दिग्गज नेता दौड़ में थे लेकिन जिस तरह से हेमंत खंडेलवाल को भाजपा अध्यक्ष बनना गया, उससे भाजपा के जमीनी कार्यकर्ताओं में एक नई आस जगी है। हेमंत खंडेलवाल को अध्यक्ष बनाकर पार्टी के राष्ट्रीय ‌नेतृत्व ने प्रदेश की कमान अब नई पीढ़ी के नेताओं के हाथों में सौंप ‌दी है। हेमंत खंडेलवाल की ताजपोशी पर मध्यप्रदेश भाजपा कार्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं को जोश बता रहा था कि वह हेमंत खंडेलवाल में संगठन की मुखिया के तौर में नई उम्मीद और आशा देख रहे हैं।

आज बतौर भाजपा अध्यक्ष अपने पहले भाषण में हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि किसी भी कार्यकर्ता के मान सम्मान में कोई कमी नहीं आएगी और कार्यकर्ता के बल पर मध्यप्रदेश भाजपा एक आर्दश संगठन के तौर पर काम करेगा।

हेमंत खंडेलवाल का निर्वाचन भाजपा में गुटीय राजनीति का अंत-हेमंत खंडेलवाल का अध्यक्ष पद पर निर्वाचन भाजपा में गुटीय राजनीति का अंत के तौर पर देखा जा रहा है। हेमंत खंडेलवाल के अध्यक्ष बनने से भाजपा पुराने दिग्गज नेताओं को गुटों को बड़ा झटका लगा है। मध्यप्रदेश भाजपा जिस तरह से बीते दिनों संगठन की कार्यप्रणाली को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे और पार्टी के कार्यकर्ता से लेकर बड़े नेताओं के बीच गुटबाजी साफ तौर पर दिखाई तो रही तो उसका अब अंत होता दिख रहा है।  

मध्यप्रदेश भाजपा की बागडोर संभालने के बाद हेमंत खंडेलवाल ने अपने तेवर दिखाते हुए कहा कि हमारी पार्टी में अनुशासन है। इतने बड़े-बड़े चुनाव हो जाते हैं और सभी प्रमुख लोग एक ही नामांकन भरते हैं......हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम जनता के अनुरूप आचरण रखें। जो कार्यकर्ता समर्पित है, उसका सम्मान होगा, जो दाएं-बाएं करेगा उसको दिक्कत होगी।

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