भोपाल। भोपाल के सतपुड़ा भवन के आग में खाक होने के बाद अब इस पर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस चुनावी साल में सतपुड़ा भवन में आग को भ्रष्टाचार से जोड़कर चुनावी मुद्दा बनाने में जुट गई है। कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर सतपुड़ा की आग से जुड़ा एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भी सतपुड़ा भवन में आग लगी थी और कई फाइलें जलकर खाक हो गई था। कांग्रेस का दावा कि उस वक्त शिवराज सरकार चुनाव में अपनी हार का अहसास हो गया था इसलिए भ्रष्टाचार से जुड़ी फाइलों को जला दिया गया था। एक बार 2023 में चुनाव से पहले सतपुड़ा भवन में आग लगी है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा कि आग लगी या लगाई गई।
दरअसल चुनाव साल में सतपुड़ा भवन में आग लगना अब सवालों के घेरे में है। सतपुड़ा भवन में सरकार के कई महत्वपूर्ण विभाग होने के साथ आग से स्वास्थ्य संचानालय का दफ्तर पूरी जलकर खाक हो चुका है। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग में EoW और लोकायुक्त से जुड़ी जांच की फाइलों के साथ 40 हजार से ज्यादा फाइलें जलकर खाक हो चुकी है।
वहीं सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने आग से ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त जांच से जुड़ी फाइलें जलने का आरोपों को सिरे से निराधार बताया है। पूरे मामले की जांच उच्चस्तरीय समिति हो रही है।
दूसरी तरफ सतपुड़ा भवन में आग लगने की घटना की जांच कर रही उच्चस्तरीय समिति ने सतपुड़ा भवन पहुंचकर तीसरी से छठी मंज़िलों का विस्तृत निरीक्षण किया। इसके साथ ही इलेक्ट्रिकल सेफ़्टी, PWD के E&M विंग और फ़ोरेंसिक साइयन्स लैब्ज़ के एक्स्पर्ट्स की टीम से गहन परीक्षण कराया गया और FSL द्वारा आधा दर्जन सैंपल FSL में टेस्ट के लिए एकत्र किए गए। समिति ने विभिन्न विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों के बयान लिए। समिति आज दूसरे दिन भी हादसे के वक्त घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान दर्ज करेगी। जांच समिति तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।