दो बार डिलीवरी के लिए अस्‍पताल पहुंची प्रसूता, नर्स ने दोनों बार घर भेज दिया, ठेलागाड़ी पर हुई डिलीवरी, बच्‍चे की मौत

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 28 मार्च 2025 (17:45 IST)
Photo : Social media
मध्‍यप्रदेश में सरकारी स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं किस कदर बर्बाद होती जा रही है, इसका एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। घटना रतलाम जिले के सैलाना की है, जहां मेडिकल स्‍टाफ की लापरवाही के चलते एक गर्भवती महिला के नवजात की दर्दनाक मौत हो गई। दरअसल, अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की वजह से महिला ने ठेलागाड़ी पर ही बच्चे को जन्म दे दिया, जिससे नवजात की मौत हो गई। महिला के पति ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। एसडीएम ने जांच कर उचित कार्रवाई की बात कही है।

क्‍या है पूरा मामला : रतलाम के सैलाना में प्रसव पीड़ा के बाद कालिका माता रोड निवासी कृष्णा पिता देवीलाल अपनी पत्‍नी नीतू को लेकर उपचार के लिए सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा। लेकिन वहां ड्यूटी पर मौजूद स्टॉफ ने उसे बच्चा देर से होने की बात कहते हुए घर लौटा दिया। कृष्णा पिता देवीलाल ने बताया कि 23 मार्च सुबह 9 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डिलीवरी के लिए पत्नी नीतू को लेकर गया था। जहां पर उपस्थित नर्स चेतना चारेल ने गर्भवती पत्नी को देखकर कहा कि अभी बच्चा होने में दो-तीन दिन का और समय लगेगा। इसलिए वह उसे वापस घर ले जाए। इस पर वह नीतू को घर ले कर आ गया।

भर्ती नहीं किया, कहा 15 घंटे बाद आना : इसके बाद 23 मार्च की रात 1 बजे उनकी पत्नी को फिर से प्रसव पीड़ा हुई तो कृष्णा पत्नी नीतू को अस्पताल लेकर पहुंचा। यहां ड्यूटी नर्स गायत्री पाटीदार ने चेकअप किया और कहा कि डिलिवरी में 15 घंटे का समय और लगेगा। यह कहकर नीतू को भर्ती नहीं किया। नर्स के कहने पर वह पत्नी को लेकर घर आ गया।

और ठेला गाड़ी पर हो गई डिलीवरी : तीसरी बार जब अधिक प्रसव पीड़ा होने पर वह उसे ठेला गाड़ी से स्वास्थ्य केंद्र ले जा रहा था। तभी रास्ते में उसकी डिलीवरी हो गई, जिसमें बच्चे की मौत हो गई। डिलीवरी के बाद बच्‍चे को जरूरी संसाधन और मेडिसिन नहीं मिल पाने की वजह से उसकी मौत हो गई। बता दें कि सैलाना के कालिका माता रोड निवासी कृष्णा पिता देवीलाल ग्वाला ठेलागाड़ी में चने सिंगदाने बेचने का काम करता है। उसने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के इन कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाकर कार्रवाई करने की मांग की है।

क्‍या कहा ड्यूटी नर्स ने : ड्यूटी नर्स चेतना चारेल ने बताया कि महिला को उसका पति लेकर आया था। उसका चेकअप किया था। उन्हें दो-तीन दिन बाद आने का नहीं कहा था। दर्द बढ़ने पर डिलीवरी शाम तक या दो-तीन दिन भी निकल सकते हैं। चेकअप करने के बाद जब मैं हाथ धोने गई तब तक वे चले गए और कागज भी नहीं दिखाए थे। गायत्री पाटीदार ने बताया, रात में एक बजे प्रसुता आई थी। उसे टेबल पर लेटने के लिए कहा और जब मैंने उसका चेकअप करना चाहा तो वह दौड़ कर अस्पताल से बाहर चली गई उसने कागज भी कुछ नहीं दिखाए। मैं और बाई हम दौड़ कर रोकने के लिए गए भी, लेकिन वह चली गई थी। रात में तीन बजे फिर आई तो नवजात बच्चे के पांव बाहर थे और सिर अंदर था। जैसे-तैसे कर डिलीवरी करवाई तो बच्चा मरा हुआ निकला। हमारी कोई लापरवाही नहीं है।

एसडीएम को शिकायत : कृष्णा ने एसडीएम मनीष जैन को दी शिकायत में बच्चे की मौत का जिम्मेदार अस्पताल प्रशासन को ठहराया है। उसने जांच कर जिम्मेदार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। कृष्णा ने बताया कि 2023 में उसकी पहली पत्नी की डिलीवरी हुई थी, जिससे उसे एक लड़का है। एसडीएम मनीष जैन ने बताया कि शिकायती मिली है। जिसमें उन्होंने अपने बच्चे की मृत्यु के लिए अस्पताल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। आवेदन पर जांच की जाकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
Edited By: Navin Rangiyal

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