सरकारी योजनाओं को सफल बनाने में महती भूमिका निभाता है संवाद : पी. नरहरि
महात्मा गांधी केवल भारत के लिए ही नहीं अपितु पूरे विश्व के लिए जरूरी हैं : अनुराधा शंकर
भोपाल। 44वीं ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशन कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन सत्र को संबोधित करते हुए पी. नरहरि सेक्रेटरी इंडस्ट्री, मध्य प्रदेश ने कहा कि आत्मनिर्भर बनने के लिए सरकार की योजनाओं को लक्ष्य तक पहुंचना जरूरी है और इस काम के लिए कम्युनिकेशन की भूमिका काफी अहम हो जाती है। उन्होंने कहा कि शासकीय योजनाओं को संवाद के द्वारा ही सफल बनाया जाता है और योजनाओं का लाभ कम्युनिकेशन से ही संभव हो पाता है।
दूसरे दिन के पहले सत्र में पी. नरहरि मुख्य अतिथि और वक्ता के रूप में शामिल हुए, इस सत्र में उनके साथ मंच पर मनु श्रीवास्तव, प्रिंसिपल सेक्रेटरी, स्किल डेवलपमेंट, मध्यप्रदेश शासन, अनुराग बत्रा, चेयरमैन एंड चीफ एडिटर, बिजनेस वर्ल्ड, नई दिल्ली और गुजरात यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर सोनल पण्ड्या मौजूद रहीं। इस सत्र की अध्यक्षता रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलाधिपति संतोष चौबे द्वारा की गई।
मनु श्रीवास्तव ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि स्किल को एनरिचमेंट करने के लिए एकेडमी और इंडस्ट्री को ब्रिज करने की जरूरत है। इसके अलावा इंडस्ट्री की मांग के हिसाब से पाठ्यक्रम में भी बदलाव करना आवश्यक है। उन्होंने रिन्यूअल एनर्जी पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह पर्यावरण के साथ-साथ आर्थिक जगत के लिए भी फायदेमंद है। आज नवकरणीय ऊर्जा से प्रतिवर्ष एनर्जी कॉस्ट 100 करोड़ रुपये तक कम हो गयी है।
सोनल पांड्या ने कहा की भारतीय मूल्यों और ज्ञान परंपरा को संरक्षित और वैश्विक फलक प्रदान करने में आधुनिक मीडिया टेक्नोलॉजी अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने नॉलेज इंडस्ट्री को इंडियनाइज करने की बात कही। संतोष चौबे ने कहा कि कोविड-19 के बाद भारत ने आत्मनिर्भरता की ओर सफल कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने कहा कि आज आत्मनिर्भर भारत का फोकस एग्रीकल्चर और फूड सेक्टर पर होना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने शिक्षा के साथ-साथ कौशल विकास को जरूरी बताया।
हैंडलूम सेक्टर में अहम भूमिका निभा रहा है पीआर सेक्टर : अनुभा श्रीवास्तव
दूसरे सत्र में मंच पर इंडिया टुडे मीडिया इंस्टिट्यूट, नई दिल्ली के निदेशक और अधिष्ठाता ध्रुबा ज्योति पति, अनुभा श्रीवास्तव, आयुक्त, हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट, मध्य प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, डॉ. पी हर्षा भार्गव, असिस्टेंट डायरेक्टर, पीआर नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। सत्र की अध्यक्षता बिनोद कुमार मिश्रा, चीफ जनरल मैनेजर स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा की गई। ध्रुबा ज्योति पति ने कहा कि आज पीआर हर क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रहा है और इसका फलक भी काफी फैल गया है। आज राजनैतिक घरानों से लेकर सरकारी व गैर-सरकारी क्षेत्रों तक इसकी महती भूमिका देखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि आज पीआर के क्षेत्र में नवाचार जरूरी है। अनुभा श्रीवास्तव ने हैंडलूम सेक्टर और कारीगरों को लेकर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जिला प्रशासन के सहयोग से हैंडलूम कारीगरों को शिक्षित-प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस दिशा में मीडिया प्लेयर्स की भूमिका काफी अहम है। उन्होंने हैंडलूम सेक्टर की दिशा में प्रशासनिक महकमे के तरफ से समुचित संवाद स्थापित करने की बात कही।
महात्मा गांधी के लिए पब्लिक रिलेशन ने फ्यूल का काम किया : अनुराधा शंकर
तीसरे सत्र के प्रमुख वक्ताओं में मध्यप्रदेश की एडीजी पुलिस ट्रेनिंग अनुराधा शंकर, फिल्म एक्टर-लेखक- प्रोड्यूसर और डायरेक्टर करन राजदान, अहमदाबाद से आए दूरदर्शन के न्यूज़ एडिटर डॉ. निशीथ जोशी और फिल्म लेखक, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर विपुल के. रावल शामिल रहें। अनुराधा शंकर ने गांधियन थॉट्स ऑफ आत्मनिर्भर भारत विषय पर विचार साझा करते हुए कहा कि महात्मा गांधी आत्मनिर्भरता शब्द के वास्तविक प्रस्तावक हैं। भले ही गांधीजी ने फिलॉसफी की कोई पुस्तक नहीं लिखी, चिंतन का आडंबर नहीं किया, लेकिन जो कुछ किया वह सब एक निर्धारित स्ट्रेटजी प्लान के तहत किया।
करन राजदान ने बताया कि जनसंपर्क एक ऐसे बीज का काम करता है, जो किसी फिल्म के तैयार होने से उसके बड़े पर्दे पर प्रदर्शित होने तक अहम भूमिका निभाता है। डॉ. निशीथ जोशी ने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में जनसंपर्क की अहम भूमिका रहती है। विपुल के. रावल ने युवाओं से कहा कि कभी भी हार न मानें। उन्होंने युवाओं को टिप्स दी कि हमेशा सभी वर्गों, जोनर को ध्यान में रखते हुए फिल्म बनाएं। इससे पहले पीआरएसआई भोपाल चैप्टर के चेयरमैन पुष्पेंद्र पाल सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए मंच से उनके बारे में अवगत कराया।