भोपाल। मध्यप्रदेश की सियासत में इस वक्त हॉर्स ट्रेडिंग पर सियासी भूचाल मचा हुआ है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह का भाजपा पर विधायकों की खरीद फरोख्त करने का आरोप लगाने के बाद अब सूबे की सियासत में वार पलटवार का सिलसिला तेज हो गया है।
मंगलवार को दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर बड़ा हमला करते हुए कहा था कि बीजेपी ने विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव से पहले कांग्रेस विधायकों को पैसों को लालच देकर खरीदने की कोशिश की। दिग्विजय सिंह ने इस खरीद फरोख्त में मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी और बीजेपी सरकार में मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा और विश्वास सारंग पर आरोप लगाया।
वहीं दिग्विजय सिंह पर बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने पलटवार करते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश में सुपर सीएम बनाना चाहते हैं इसलिए इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि बीजेपी ने हॉर्स ट्रेडिंग के बाद दिग्विजय सिंह पर ऐसा आरोप लगाया है। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी दिग्विजय सिंह को लेकर तंज कस चुके हैं।
मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार बनने के बाद दिग्विजय सिंह काफी सक्रिय है। चुनाव से पहले पार्टी में समन्वय की भूमिका निभाने वाले दिग्विजय सिंह अब कमलनाथ सरकार की राह में आने वाले हर मुश्किल को दूर करने में जुटे है।
मंगलवार को विधानसभा में अध्यक्ष पद के चुनाव के बाद दिग्विजय सिंह ने विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए बीजेपी पर बड़ा हमला बोला। ऐसा नहीं है कि दिग्विजय सिंह ने पहली बार बीजेपी पर विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाया है। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही दिग्विजय सिंह बराबर मीडिया से बात में बीजेपी पर विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाया था।
ऐसे में जब गुरुवार को एक बार फिर विधानसभा उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर सदन में कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने होगी तब दिग्विजय सिंह किस रोल में नजर आते हैं। इसको देखना होगा। इससे पहले मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव के समय दिग्विजय सिंह विधानसभा पहुंचे थे, जिस पर बीजेपी ने अपनी आपत्ति भी जताई थी।