Explosion in firecracker factory near Indore: मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में जंगली इलाके के खेत में चलाए जा रहे पटाखा कारखाने में मंगलवार को विस्फोट में 3 मजदूर गंभीर रूप से झुलस गए। हरदा के पटाखा कारखाने में छह फरवरी को भीषण विस्फोट के महज 70 दिन बाद इंदौर के पटाखा कारखाने में विस्फोट हुआ।
सरकारी निगरानी पर उठे सवाल : इस घटना ने सूबे में पटाखा कारखानों के संचालन और इनमें आग से बचाव के इंतजामों की सरकारी निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, प्रशासन की शुरुआती जांच में पता चला है कि इंदौर शहर से करीब 25 किलोमीटर दूर जंगली इलाके में एक खेत में चलाए जा रहे कारखाने के संचालक ने इसके परिसर में 15 किलोग्राम की स्वीकृत मात्रा से काफी ज्यादा बारूद जमा कर रखा था।
पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) उमाकांत चौधरी ने बताया कि आंबा चंदन गांव से करीब 5 किलोमीटर दूर जंगली इलाके में 4 बीघा में फैले खेत में चलाए जा रहे कारखाने में रस्सी बम बनाए जाने के दौरान विस्फोट हुआ। उन्होंने बताया कि इस धमाके में रोहित परमानंद (20), अर्जुन राठौर (27) और उमेश चौहान (29) झुलस गए।
झुलसे मजदूर चोइथराम में भर्ती : चौधरी ने बताया कि झुलसे मजदूरों में शामिल रोहित इंदौर जिले का निवासी है, जबकि राठौर और चौहान महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के रहने वाले हैं। डीएसपी ने बताया कि तीनों घायलों को इंदौर के चोइथराम अस्पताल में भर्ती कराया गया।
चोइथराम अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि पटाखा कारखाने के तीनों मजदूर औसतन 70 प्रतिशत तक जल गए हैं और धमाके के बाद दूर जाकर गिरने से इनमें से एक श्रमिक की हड्डियां भी चोटिल हुई हैं। उन्होंने बताया कि तीनों मजदूरों की हालत गंभीर है।
विस्फोट की प्रत्यक्षदर्शी जाहिदा ने बताया कि मैंने देखा कि कारखाने में अचानक धमाका हुआ और कारखाना पूरी तरह नष्ट हो गया। उन्होंने बताया कि घायल मजदूरों के मुताबिक पटाखा कारखाने में किसी चीज पर पैर पड़ जाने के बाद विस्फोट हुआ। प्रत्यक्षदर्शी महिला ने बताया कि कारखाने में रस्सी बम बनाए जाने के लिए अलग-अलग रसायन मिलाकर बारूद तैयार किया जाता था।
मंजूरी से ज्यादा बारूद मिला : मौके पर पहुंचे अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) चरणजीत सिंह हुड्डा ने बताया कि यह कारखाना अली फायर वर्क्स नाम की कंपनी का मालिक शाकिर खान चला रहा था। उन्होंने बताया कि कारखाने में एक बार में केवल 15 किलोग्राम बारूद जमा कर रखने की मंजूरी दी गई थी, लेकिन घटनास्थल का मुआयना करने के बाद पता चला कि वहां इससे काफी ज्यादा मात्रा में बारूद जमा करके रखा गया था।
एसडीएम ने बताया कि कारखाना संचालक के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम और भारतीय दंड विधान के संबद्ध प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। हुड्डा ने बताया कि कारखाने का लाइसेंस 31 मार्च तक वैध था और संचालक ने इसकी वैधता बढ़ाने के लिए 28 मार्च को ही प्रशासन को आवेदन कर दिया था।
धमाके के बाद मैदान बना : चश्मदीदों ने बताया कि पटाखा कारखाना लोहे के तारों से बनाई गई चहारदीवारी के अंदर चलाया जा रहा था और इसमें टीन की चादरों से कमरेनुमा ढांचे तैयार किए गए थे। उन्होंने बताया कि विस्फोट के बाद कारखाना परिसर में आग भी लगी और टीन की चादरों के दूर जाकर गिरने से यह परिसर फिलहाल सपाट मैदान की तरह नजर आ रहा है, जहां आग बुझाए जाने के बाद घास जलने के निशान साफ देखे जा सकते हैं।
पटाखा कारखाने में विस्फोट के बाद इंदौर के जिलाधिकारी आशीष सिंह घायल मजदूरों के हाल-चाल जानने चोइथराम हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने बताया कि प्राथमिक जानकारी के मुताबिक जंगली इलाके में कारखाना परिसर के दूर-दूर बने 8 कमरेनुमा ढांचों में 12-13 लोग काम कर रहे थे। इनमें से एक कमरे में विस्फोट हुआ जिसमें तीन मजदूर घायल हुए।
इंदौर के जिलाधिकारी सिंह ने दावा किया कि पटाखा कारखाना परिसर में आग बुझाने वाले यंत्र रखे थे। उन्होंने कहा कि जांच की जा रही है कि इस परिसर में विस्फोट किन हालात में हुआ।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala