मध्यप्रदेश के विकास में जीआईएस-भोपाल ने रचा स्वर्णिम इतिहास: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

विकास सिंह
गुरुवार, 27 फ़रवरी 2025 (12:14 IST)
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने में मध्यप्रदेश पूरी प्रतिबद्धता के साथ जुटा हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में निरंतर अभूतपूर्व उपलब्धियों के कीर्तिमान रचे जा रहे हैं। जीआईएस-भोपाल ने दो दिन में रिकार्ड 26.61 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए है। जीआईएस-भोपाल ने निवेशकों को रिझाने में कई राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। इन निवेश प्रस्तावों में विगत एक वर्ष में आयोजित 7 रीजनल कॉन्क्लेव, 6 रोड शो एवं इंटरैक्टिव सेशन्स में मध्यप्रदेश को कुल 30.77 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनसे युवाओं के लिए रोजगार के 21.40 लाख से अधिक अवसर सृजित होंगे।

मध्यप्रदेश एक वित्तीय वर्ष में सर्वाधिक निवेश प्रस्ताव प्राप्त करने वाला देश का तीसरा राज्य बन गया है। जीआईएस-भोपाल के दो दिनों में अलग-अलग सेक्टर में 85 से अधिक एमओयू किए गए हैं। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के अच्छे परिणाम से उत्साहित राज्य सरकार अब सेक्टर्स और क्षेत्रीय औद्योगिक विशिष्टताओं को निवेश के लिये आधार बनाकर भविष्य में इंड्स्ट्रियल कॉन्क्लेव आयोजित किये जाने की रणनीति बना रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने में मध्यप्रदेश ने अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। जीआईएस-भोपाल में मध्यप्रदेश ने निवेशकों को आकर्षित करने में कई राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है। राज्य सरकार के कुशल प्रबंधन और मजबूत औद्योगिक नीतियों के कारण मात्र 2 दिनों में 26.61 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

1 वर्ष में कुल 30.77 लाख करोड़ का निवेश-जीआईएस-भोपाल की अभूतपूर्व सफलता के साथ, बीते एक वर्ष में राज्य को कुल 30.77 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन प्रस्तावों में पिछले वर्ष आयोजित 7 रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव, 6 रोड शो और इंटरैक्टिव सेशन्स की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

इन निवेश प्रस्तावों से मध्यप्रदेश में 21.40 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। इसके साथ ही, मध्यप्रदेश एक वित्तीय वर्ष में सर्वाधिक निवेश प्रस्ताव प्राप्त करने वाला देश का तीसरा राज्य बन गया है।

जीआईएस-भोपाल का शुभारंभ 24 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने किया। उन्होंने मध्यप्रदेश की औद्योगिक क्षमताओं और निवेश के अनुकूल माहौल की सराहना करते हुए कहा कि "मध्यप्रदेश में निवेश का यही समय है, सही समय है।" उनके उद्बोधन ने अतिथि उद्यमियों के मन में मध्यप्रदेश में निवेश के प्रति भरोसे को और अधिक मजबूत किया। जीआईएस के दूसरे दिन निवेशकों को प्रोत्साहित करने केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और केन्द्रीय नागरिक विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू उपस्थित रहे। गृह मंत्री अमित शाह के उद्बोधन ने भी निवेशकों में मध्यप्रदेश की क्षमताओं के प्रति विश्वास जगाया। प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य की 18 नई औद्योगिक नीतियों का शुभारंभ भी किया। इससे प्रदेश में व्यापार और निवेश को और अधिक गति मिलेगी।

85 से अधिक एमओयू पर हुए हस्ताक्षर-जीआईएस-भोपाल में विभिन्न सेक्टर्स में 85 से अधिक समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इन समझौतों के माध्यम से राज्य में नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना और विभिन्न सेक्टर्स में विकास को बढ़ावा मिलेगा।

मध्यप्रदेश सरकार के इन प्रयासों से प्रदेश न केवल औद्योगिक दृष्टि से सशक्त हो रहा है, अपितु युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार भी खुल रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में राज्य निवेशकों की फेवरेट डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है और देश की औद्योगिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

विदेशी प्रतिनिधियों ने की निवेश संभावनाओं पर चर्चा-जीआईएस-भोपाल में विभिन्न देशों के उच्चायुक्तों और व्यापारिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इनमें श्री राजेंद्र मोदी, उप मंत्री, उद्योग एवं वाणिज्य, जिम्बाब्वे, डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा, राजदूत, नेपाल, मोहम्मद रलीकी, राजदूत, तुर्की, स्टेला न्केरा, राजदूत, जिम्बाब्वे, डॉ. निजायर निफेस, राजदूत, बुर्किना फासो, यागी काजी, वाणिज्य दूत, जापान और वाल्टर फेरारा, वाणिज्य दूत, इटली प्रमुख हैं। इन सभी ने मध्यप्रदेश में निवेश के अनुकूल वातावरण की प्रशंसा की और भविष्य में सहयोग को लेकर सकारात्मक संकेत दिए। मध्यप्रदेश की औद्योगिक यात्रा में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस-भोपाल) का आयोजन मील का पत्थर सिद्ध हुआ है। इसमें 60 से अधिक देशों के 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। साथ हीकनाडा, जर्मनी, इटली, जापान, तुर्की, पोलैंड, रूस, रवांडा और यूएई जैसे 9 देश कंट्री पार्टनर बने। इन देशों ने राज्य में निवेश और व्यापारिक सहयोग को लेकर विशेष रुचि दिखाई है।

25,000 से अधिक रजिस्ट्रेशन और 600 से अधिक बी-टू-जी बैठकें
 जीआईएस-भोपाल को निवेशकों से भारी उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली, जिसमें 25,000 से अधिक रजिस्ट्रेशन हुए और 600 से अधिक बी-टू-जी (बिजनेस-टू-गवर्नमेंट) तथा 5000 से अधिक बी-टू-बी (बिजनेस-टू-बिजनेस) बैठकें आयोजित की गईं। इन बैठकों के दौरान मध्यप्रदेश सरकार और उद्यमियों के बीच निवेश प्रस्तावों पर विस्तृत चर्चा हुई।

औद्योगिक दिग्गजों की भागीदारी
 
समिट में भारत और विश्व के300 से अधिक प्रमुख उद्योगपतियोंने भाग लिया। इनमेंगौतम अडानी (अडानी ग्रुप), कुमार मंगलम बिड़ला (आदित्य बिड़ला ग्रुप), नुपुर खंडेलवाल (रसना प्राइवेट लिमिटेड) और बाबा कल्याणी (भारत फोर्ज लिमिटेड) और सागर उद्योग समूह के श्री सुधीर अग्रवाल जैसे दिग्गज शामिल रहे।

30.77 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले
 जीआईएस-भोपाल में विभिन्न क्षेत्रों में26.61 लाख करोड़ रूपये, रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव से 2.34 लाख करोड़ रूपये के निवेश और 2.74 लाख रोजगार, इंटरैक्टिव सेशन से 1.82 लाख करोड़ रूपये के निवेश और 1.32 लाख रोजगार, यूके रोड़-शो से 1.25 लाख करोड़ रूपये के निवेश और 1.10 लाख रोजगार, जर्मन टूर 1.50 लाख करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव और 1.20 लाख रोजगार, जापान टूर से 2 लाख करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव और 1.5 लाख रोजगार के अवसर सृजित होने की उम्मीद है। इस तरह विगत वित्तीय वर्ष में कुल 30.77 लाख करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनसे लगभग 21.40 लाख रोजगार के अवसरसृजित होने की उम्मीद है। इस दौरान नेशनल अथॉरिटी ऑफ इंडियाऔर लोक निर्माण विभाग के बीच 1.30 लाख करोड़ के एमओयूपर भी हस्ताक्षर किए गए, जो राज्य में सड़क और बुनियादी ढांचे के विकास को नई गति देगा।

इस तरह बना मध्यप्रदेश निवेशकों की पहली पसंद
 जीआईएस-भोपाल ने यह साबित कर दिया कि मध्यप्रदेश देश-विदेश के निवेशकों के लिए फेवरेट इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन बन चुका है। राज्य सरकार द्वारा उद्योगों के विकास के लिये उठाए गए कदमों से राज्य में व्यापारिक सुगमता (ईज-ऑफ-डूइंग बिजनेस) को बढ़ावा मिला है। समिट में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, "हम निवेशकों के विश्वास को मजबूत करेंगे, नई नीतियां लागू करेंगे और रोजगार के नए अवसर पैदा करेंगे।" जीआईएस-भोपाल का सफल आयोजन राज्य के आर्थिक और औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है।
 

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