भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में अध्यक्ष पद के बाद उपाध्यक्ष पद पर भी कांग्रेस का कब्जा हो गया है। विधानसभा में अध्यक्ष पद के चुनाव की तरह ही उपाध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ।
विपक्ष दल बीजेपी के भारी हंगामे के बीच स्पीकर एनपी प्रजापति ने कांग्रेस विधायक हिना कांवरे के विधानसभा उपाध्यक्ष बनने की घोषणा कर दी। इससे पहले सदन में विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस प्रत्याशी हिना कांवरे के समर्थन में चार प्रस्ताव और बीजेपी के तरफ से उपाध्यक्ष पद के लिए जगदीश देवड़ा के नाम से एक प्रस्ताव आया था।
स्पीकर एनपी प्रजापति के कांग्रेस की तरफ से हिना कांवरे के नाम को केवल आसंदी से पढ़े जाने को लेकर सदन में जमकर हंगामा किया। बीजेपी विधायकों ने गर्भगृह में आकर स्पीकर के जमकर नारेबाजी करते हुए स्पीकर के इस्तीफे की मांग की। इससे साथ ही सदन में बीजेपी ने उपाध्यक्ष पद के लिए गुप्त मतदान कराए जाने की मांग को लेकर जमकर हंगामा हुआ।
बीजेपी ने उपाध्यक्ष पद के लिए जगदीश देवड़ा को मैदान में उतारा था। स्पीकर ने उपाध्यक्ष पद के लिए बीजेपी के गुप्त मतदान कराए जाने की मांग को खारिज कर दिया, वहीं विपक्ष ने आसंदी से केवल हिना कांवरे के नाम पढ़े जाने पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई। बीजेपी ने स्पीकर पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए सदन में जमकर हंगामा किया।
हंगामे के बीच नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने विधानसभा अध्यक्ष पर पक्षपात करने का आरोप लगाया। गोपाल भार्गव ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष की आवाज दबाने का काम किया है।
इस बीच विधानसभा की कार्यवाही दस-दस मिनट के लिए दो बार के लिए स्थगित की गई है। सदन की कार्यवाही दोबारा चालू होने पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि सदन में पहले दिन से ही विपक्ष को नजरअंदाज किया जा रहा है।
इस बीच भारी हंगामे के बीच विधानसभा में उपाध्यक्ष पद के निर्वाचन के बाद सदन की कार्यसूची के कामकाज को निपटाने के बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।