इंदौर में पत्रकारों पर आरटीओ कार्यालय में हुए हमले के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हालांकि 5 आरोपी अब भी फरार हैं। बता दें कि तेजाजी नगर पुलिस ने दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। डीसीपी क्राइम राजेश दंडोतिया ने बताया कि पुलिस फरार पांच आरोपियों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। पुलिस टीम उनके संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही है। सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और मौके पर मौजूद लोगों के बयान के आधार पर पूरी घटना की तफ्तीश की जा रही है।
बता दें कि इंदौर प्रेस क्लब के पदाधिकारियों और सदस्यों समेत इंदौर के पत्रकारों ने घटना का जमकर विरोध किया था। बाद में पत्रकारों और प्रेस क्लब के सदस्यों ने इंदौर कमिश्नर संतोष सिंह को ज्ञापन सौंपा था। इसके बाद पुलिस हरकत में आई और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि इस घटना से इंदौर में सक्रिय रूप से काम करने वाले पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
फिलहाल 2 आरोपी गिरफ्तार : हमले के बाद तेजी से कार्रवाई करते हुए तेजाजी नगर पुलिस ने 7 नामजद आरोपियों में से 2 को गिरफ्तार किया है। हालांकि पांच आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं और उनकी तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि फरार आरोपियों की पहचान हो चुकी है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
क्या था पूरा मामला : जानकारी के मुताबिक पत्रकार हेमंत शर्मा और राजा खान आरटीओ कार्यालय के बाहर कथित भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर रिपोर्टिंग कर रहे थे। दोनों पत्रकार वहां मौजूद कुछ कर्मचारियों और एजेंटों से सवाल-जवाब कर रहे थे। इसी दौरान कुछ लोगों ने पत्रकारों का विरोध करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते स्थिति बिगड़ गई और दोनों के साथ बदसलूकी, धक्का-मुक्की और मारपीट की गई।
बताया जा रहा है कि यह हमला योजनाबद्ध ढंग से किया गया था ताकि भ्रष्टाचार से जुड़ी खबरों को बाहर आने से रोका जा सके। मारपीट में पत्रकार हेमंत शर्मा और राजा खान को चोटें आईं, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
क्या बताया प्रत्यक्षदर्शियों ने : प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आरटीओ परिसर में सक्रिय इन दलालों को संरक्षण प्राप्त है, जिसके कारण वे बेखौफ गतिविधियाँ करते हैं। जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उनमें हेमंत काशीद (बाली), आशीष होलकर, विजय गौड़, लक्ष्मण गीते, बाली, संदीप, आशीष, नितिन, बबलू, विनोद, शंकर (निवासी कुलकर्णी भट्टा), मोनू और शंकर प्रजापति शामिल हैं। बताया जा रहा है कि शंकर प्रजापति, पूर्व बाबू गोपाल प्रजापति का भाई है।
घटना की जानकारी मिलने पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने हमले की निंदा की और मुख्यमंत्री मोहन यादव को भी मामले से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। घटना के बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी है
पत्रकार संगठनों में आक्रोश : इस घटना के सामने आते ही पत्रकार संगठनों में भारी आक्रोश फैल गया है। इंदौर से लेकर भोपाल तक मीडिया संगठनों ने विरोध जताते हुए पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। कई वरिष्ठ पत्रकारों और सामाजिक संगठनों ने कहा कि अगर पत्रकार सुरक्षित नहीं रहेंगे तो समाज में पारदर्शिता कैसे कायम रहेगी?
क्या है पत्रकारों की प्रशासन से मांग :
हमलावरों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
आरटीओ कार्यालयों में सुरक्षा बढ़ाई जाए।
पत्रकारों के लिए विशेष प्रोटोकॉल बनाया जाए।
लगातार होने वाले हमलों पर रोक के लिए ठोस नीति बने।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की रणनीति।
Edited By: Navin Rangiyal