मध्यप्रदेश की सियासत में शनिवार को राजा और महाराज आमने सामने आ गए। राजा के नाम से पहचाने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के गढ़ राघौगढ़ में पहली बार राजनीति में महाराज के नाम से जाने पहचाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया पहुंचे और जमकर गरजे। इतना ही नहीं उन्होंने दिग्विजय सिंह के करीबी और कांग्रेस के पूर्व विधायक मूल सिंह दादा भाई के बेटे हीरेन्द्र प्रताप सिंह को भाजपा की सदस्यता दिलाकर तगड़ा झटका भी दे डाला।
इस दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिग्विजय सिंह पर तंज कसते हुए कहा है कि कुछ लोग हैं, जिनका काम हर अवसर में चुनौती ढूंढना है। जबकि भाजपा का काम चुनौतियों में अवसर ढूंढना है। सिंधिया ने कहा कि उनकी सोच और विचारधारा बिल्कुल स्पष्ट है। उन्हें राजनीति से मोह नहीं है। सेवाभाव, प्रगति से उन्हें मोह है। विकास के साथ उन्हें ललक है।
सिंधिया ने कहा कि अभी तक तो वह संकोच में राघोगढ़ नहीं आते थे, लेकिन अब बार-बार यहां आएंगे। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तरह हम हैं, जिनका कहना है कि प्राण जाएं पर वचन न जाएं। वहीं एक पार्टी का कहना है कि वचन तो जाए पर प्राण न जाएं।
भाजपा में शामिल होने और केंद्रीय मंत्री बनने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार राघोगढ़ पहुंचे। जनाकार बताते है कि सिंधिया ने पहली बार दिग्विजय सिंह के गढ़ में इतने बड़े कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा उनका जगह-जगह स्वागत किया गया।