मध्यप्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, अब कोई नहीं होगा दसवीं फेल

Webdunia
बुधवार, 25 जनवरी 2017 (13:08 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में पढ़ाई का स्तर सुधारने के लिए शिवराज सरकार दशकों से चल रही परीक्षा प्रणाली बदलने का फैसला कर लिया है। इसके तहत अब दसवीं में परीक्षा में केवल 16 प्रतिशत अंक लाने वाले छात्र को 33 प्रतिशत मान लिया जाएगा और वो पास हो जाएगा।
 
दरअसल, मध्यप्रदेश में 9वीं कक्षा से सरकार सतत एवं व्यापक मूल्यांकन, सीसीई पैटर्न लागू करने जा रही है।
इस प्रणाली में बेस्ट फाइव पद्धति लागू की जाएगी। इसमें छह विषयों की परीक्षा होगी, पर रिजल्ट ज्यादा नंबर लाने वाले पांच विषयों के अंक जोड़कर तैयार किया जाएगा। दसवीं में दो विषयों में सप्लिमेंट्री भी देने का प्रावधान किया जा रहा है।
 
60 अंक का होगा प्रश्नपत्र : नवमीं, दसवीं की मुख्य परीक्षा का रिजल्ट 100 अंकों के आधार पर ही बनेगा पर माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा का प्रश्नपत्र 60 अंकों का होगा। बाकि 40 अंक तिमाही, छमाही और सहशैक्षिक गतिविधियों के होंगे। इसमें 20 फीसदी अंक तिमाही और छमाही परीक्षा के होंगे और 20 सहशैक्षिक गतिविधियों के होंगे। छात्र को सब मिलाकर 33 फीसदी अंक ही लाने हैं। उसे शैक्षिण गतिविधियों में 20 में से 20 अंक मिल जाते हैं तो परीक्षा में महज 16 फीसदी अंक लाने पर ही वह पास हो जाएगा। 
Show comments

जरूर पढ़ें

कनाडा में मोदी को खुली धमकी, खालिस्तानियों ने सड़क पर निकाली रैली

नरबलि के लिए सोनम ने की राजा रघुवंशी की हत्या, भाई का आरोप, जताई तंत्र-मंत्र की आशंका

16 साल बाद 16वीं जनगणना, कितना होगा खर्चा, क्या होगी प्रक्रिया, कब होगी शुरुआत, जानें हर सवाल का जवाब

Air India Plane crash का रोंगटे खड़े करने वाला वीडियो, आग के गोले में से कैसे बाहर निकले विश्वास कुमार

चलती बाइक पर कपल को रोमांस पड़ा महंगा, कटा 53,500 रुपए का चालान

सभी देखें

नवीनतम

ट्रंप के जी7 से जाने पर कांग्रेस का कटाक्ष, स्वयंभू विश्वगुरु की गले मिलने वाली कूटनीति को लगा झटका

AI की बेंगलुरू से लंदन की उड़ान रद्द, 6 फ्लाइट्‍स कैंसल, एयर इंडिया पर भड़के यात्री

साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए केंद्र से 63.60 करोड़ अनुरोध, गृह मंत्री से मिले पुष्कर सिंह धामी

तमिलनाडु में 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला का यौन उत्पीड़न, पुलिस ने संदिग्ध को गोली मारकर पकड़ा

भारत में कैसे होती है जनगणना, जानिए Census की पूरी प्रक्रिया

अगला लेख