भोपाल। कहते हैं कि पेट की आग बुझाने के जतन में इंसान अच्छे और बुरे का अंतर करना भूल जाता है, ऐसा ही एक वाकया मध्यप्रदेश के सागर में सामने आया है।
जिले के रहली में एक बहन ने भूखे भाइयों के खाने के लिए मंदिर की दानपेटी से 250 रुपए चोरी कर निकाल लिए। मासूम लड़की के अनुसार परिवार में पिता और दो भूखे मासूम भाइयों के भूखे रहने से परेशान होकर उसने मंदिर के दानपेटी से चोरी कर पैसे निकाल लिए और उन पैसों में से 180 रुपए में चक्की से गेंहू खरीद कर घर ले आई और अपने भूखे परिवार को खाना खिलाया।
बचपन में ही मां को खो चुकी प्रदेश की लाडली के अनुसार उसने बाकी बचे 70 रुपए अपने पास रख लिए। मंदिर के दानपेटी से पैसा चोरी होने के बाद मंदिर प्रशासन ने इसकी शिकायत पुलिस से की।
पुलिस ने मंदिर में लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मासूम लड़की को हिरासत में ले लिया। भूख से बिलखते भाइयों के लिए मंदिर की दान पेटी से 250 रुपए निकालने वाली मासूम पर गरीबी की मार के बाद सरकारी सिस्टम की भी ऐसी मार पड़ी कि जिसने भी सुना वह कांप उठा। पुलिस की गिरफ्तारी के बाद बिना सुनवाई के ही मासूम को जिले से दूर शहडोल के सुधार गृह भेज दिया गया।
मुख्यमंत्री के दखल के बाद जागा प्रशासन : भूखे परिवार का पेट भरने के लिए मासूम के चोरी करने का मामला सामने आने के बाद सागर के रहली से भोपाल तक हंगामा मच गया।
खुद प्रदेश के मुखिया कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए परिवार को 1 लाख रुपए की सहायता, बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था और राशन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद सागर का प्रशासन कुंभकर्णी की नींद से जाग गया। आनन-फानन में परिवार को बिजली कनेक्शन के साथ ही मकान का पट्टा भी उपलब्ध कर दिया गया। इतना ही नहीं, पीड़ित परिवार को प्रधानमंत्री आवास और गैस कनेक्शन भी उपलब्ध करा दिया गया।
इसके साथ ही सागर कलेक्टर ने मासूम बेटी की जमानत भी करा दी। कलेक्टर प्रीति मैथिल ने भाइयों पेट भरने के लिए बच्ची की चोरी करने की घटना पर दु:ख जाहिर किया है।
अब पीड़ित का घर बना पिकनिक स्पॉट : पूरे मामले के मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद अब पीड़ित का घर राजनेताओं का पिकनिक स्पॉट के रूप में बदल गया है। गरीब मासूम के परिवार के घर राजनेताओं की दौड़ शुरू हो गई है।
पीड़ित परिवार को मदद देने के लिए श्रेय की राजनीति इस कदर तेज हुई कि रहली विधानसभा से विधायक और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की।
गोपाल भार्गव प्रदेश में अपराध और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेताओं पर तंज कसते हुए लिखा कि इन दिनों मेरा विधानसभा क्षेत्र प्रदेश भर के नेताओं का मानो राजनीतिक पिकनिक स्पॉट ही बन गया है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री और पड़ोस के सभी मंत्री सभी उस बच्ची के परिवार की खैर-खबर ले रहे हैं। अपनी पोस्ट में नेता प्रतिपक्ष ने अपने विधानसभा क्षेत्र में लोगों की मदद के पिछले कामों का हवाला देने के साथ ही अपनी विधानसभा को बदनाम करने का आरोप कांग्रेस के मंत्रियों पर लगाया है।
नेता प्रतिपक्ष ने बच्ची पर किए गए केस के लिए पुलिस की लापरवाही को जिम्मेदार बताते हुए लगाए गए केस को तुरंत वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं अफसरों की कार्यप्रणाली की पोल खोलती है। कांग्रेस पर बरसते हुए नेता प्रतिपक्ष ने अन्य विधानसभा क्षेत्रों की असलियत सामने लाने के लिए वीडियोग्राफी करने की बात कही है।