भोपाल। मध्यप्रदेश के इंदौर और खंडवा में इलाज के अभाव में मरीजों के दम तोड़ने की खबर पर सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर और खंडवा में मरीज को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचने पर भर्ती नहीं करने की घटना को गंभीरता से लेते हुए कड़ी नाराजगी जाहिर की है।
मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान को तत्काल जाँच कराने के आदेश दिए है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जांच के बाद खबर सही पाये जाने पर संबंधित चिकित्सा संस्थान के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
इलाज के अभाव में एक्टिवा पर तोड़ा था दम – मंगलवार को कोरोना के हॉटस्पॉट बने इंदौर में इलाज के अभाव में एक मरीज ने एक्टिवा पर ही दम तोड़ दिया था। शहर के कमला नेहरू इलाके में रहने वाले पांडुरंगा को भर्ती कराने के लिए उनके परिजनों ने कई अस्पताल के चक्कर लगाए लेकिन इलाज नहीं नसीब हुआ और आखिरकार बुजुर्ग ने अस्पताल के चक्कर लगाते लगाते एक्टिवा पर ही दम दम तोड़ दिया।
मृतक के परिजनों का आरोप हैं कि मृतक पांडुरंगा पिछले 7- 8 दिनों से सर्दी और बुखार से पीड़ित थे और वह तीन –चार दिन पहले इलाज के लिए एमवाय अस्पताल पहुंचे थे जहां पर डॉक्टरों ने उनको दवा देकर घर भेज दिया था। परिजनों ने डॉक्टर पर समय रहते इलाज नहीं करने का आरोप लगाया था।
खंडवा में भी एंबुलेंस नहीं मिलने से मौत – इंदौर के साथ ही खंडवा में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया जहां समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने के चलते एक बुजुर्ग ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। खंडवा में भी परिजन एबुलेंस नहीं मिलने पर बीमार बुजुर्ग को स्कूटी पर लेकर अस्पताल के लिए निकला था लेकिन वहां पहुंचने से पहले उसकी मौत हो गई।