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मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर आदिवासियों की जमीन कब्जाने का आरोप, भूपेंद्र सिंह ने सदन में घेरा

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भोपाल ब्यूरो

, शनिवार, 2 अगस्त 2025 (09:37 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश भाजपा संगठन के नए मुखिया हेमंत खंडेलवाल ने भले ही कार्यभार संभालते हुए पार्टी के नेताओं को अनुशासन में रहने और गुटबाजी खत्म करने की दो टूक चेतावनी दी थी लेकिन प्रदेश में बुदेलखंड के दो दिग्गज नेताओं के बीच आपसी खींचतान खत्म नहीं होने का नाम ले रही है। सागर के खुरई से भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने एक बा फिर अपनी ही क्षेत्र से आने वाले सुरखी से विधायक और मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर आदिवासियों की जमीन कब्जाने का बड़ा आऱोप लगाया है।

शुक्रवार को विधानसभा में ध्यानाकर्षण के जरिए भूपेंद्र सिंह ने सदन में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को घेरा लिया। उन्होंने कहा कि गोविंद सिंह ने 20 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा किया। गोविंद सिंह राजपूत पिता बलवंत सिंह राजपूत मालथौन ने अन्य लोगों के साथ जमीनों पर कब्जे किए। आरोप लगाए कि इनके परिवार के लोगों ने 50 एकड़ जमीन पर आदिवासी समाज को डरा-धमकाकर रजिस्ट्री कराई। मालथौन तहसील में 10 हजार परिवार आदिवासी जनजाति के हैं। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि सागर में कई लोगों द्वारा उनकी भूमि पर या तो कब्जा कर लिया है या दबाव बनाकर रजिस्ट्री करा ली। भूपेंद्र ने इसके अलावा 500 एकड़ जमीन पर कई लोगों द्वारा कब्जे किए जाने के आरोप भी लगाए और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।

इस पर राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा कि जिनके अवैध कब्जे पाए गए, उनके कब्जे हटाकर नगर पालिका को सौंप दिया है। बाकी पर कार्रवाई कर रहे हैं। मंत्री ने सदन को बताया कि गोविंद सिंह राजपूत निवासी मालथौन के खिलाफ अपराध भी दर्ज हैं। मंत्री के जवाब से भूपेंद्र सिंह अंसुतष्ट दिखाई दिए और उन्होंने पूरे मामले की जांच की बात कही। इस पर मंत्री करण सिंह वर्मा ने भोपाल से अधिकारियों को भेजकर पूरे मामले की जांच का आश्वासान दिया जिसके बाद पूरा मामला शांत हुआ।

भूपेंद्र-गोविंद राजपूत के बीच पुरानी सियासी लड़ाई-खुरई से विधायक और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह और सुरखी से भाजपा विधायक और वर्तमान में मोहन सरकार में कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बीच सियासी वर्चस्व की लड़ाई पिछले कई सालों से देखी जा रही है। वर्चस्व की लड़ाई की मुख्य वजह दोनों ही नेताओं का अपना सियासी रसूख है, जिसके चलते तीनों के हित आपस में ठकराते रहते है। मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल होने वाले गोविंद सिंह राजपूत और पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के बीच सियासी तल्खी दिनों  दिन बढती जा रही है।

पिछले दिनों भूपेंद्र सिंह ने मंत्री गोविंद सिंहं राजपूत पर हमला करते हुए कहा था कि सागर जिले में एक मंत्री भाजपा को खत्म करने में लगा हुआ है। भूपेंद्र सिंहं ने कहा कि हम ऐसे लोगों को स्वीकार नहीं कर ‎सकते, जिन्होंने पहले भाजपा के कार्यकर्ताओं पर अत्याचार ‎किए थे, अब वही लोग हमारी पार्टी में आकर फिर से हमारे कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित कर रहे हैं, सागर जिले में दो नेता ऐसे हैं जिनको लेकर मेरी आपत्ति पहले भी थी और आज भी है. क्योंकि इन्ही दो नेताओं ने बीजेपी के कार्यकर्ताओं को सबसे ज्यादा प्रताणित किया था. ये कौन दो लोग हैं, इसकी जानकारी सभी को है, प्रशासन अब उन्हीं की बात सुन रहा है जो कांग्रेस से भाजपा में आए हैं. ये लोग नहीं चाहते है कि भाजपा के पुराने लोग मजबूत हो, जबकि वे‎ खुद बीजेपी में कब तक रहेंगे, इसकी कोई गारंटी‎ नहीं है।

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