भोपाल। मध्यप्रदेश में भारी बारिश ने बाढ़ का खतरा और बढ़ा दिया है। नर्मदा नदी में बाढ़ से ओंकारेश्वर बांध के पूरे 23 गेट खोलने के बाद नर्मदा का जलस्तर बुधवार शाम को फिर बढ़ने लगा। हालांकि जलस्तर खतरे के निशान से 1 मीटर नीचे है। बुधवार को अहिल्या घाट की एक रपट पूरी तरह से जलमग्न हो गई। भारी वर्षा से खंडवा जिले के मोरटक्का पुल डूब सकता है।
भारी वर्षा से राज्य की नर्मदा, ताप्ती, शिप्रा, पार्वती, बेतवा और चंबल उफान पर हैं। शाजापुर जिले के मोहन बड़ोदिया के तहसीलदार नरेंद्र सिंह ठाकुर सीहोर के पास पुलिया पार करते समय सिवान नदी में बह गए तथा वे अभी भी लापता हैं।
राजधानी भोपाल में 2 दिन लगातार तेज बारिश के बाद बुधवार को बारिश थमी है। भोपाल से गुजरी कलियासोत नदी उफनाने से दामखेड़ा और मर्दाना टोला में 70 परिवार को स्कूल में शिफ्ट करना पड़ा। भोपाल के कलियासोत, केरवा और भदभदा डैम ओवरफ्लो हो चुके हैं।
नर्मदापुरम में नर्मदा खतरे के निशान से कुछ नीचे आई है। मंगलवार को नदी का लेवल 966 फीट तक पहुंच गया था। फिलहाल, नदी का जलस्तर घटकर 960 फीट तक आ गया है। सीहोर जिले के कोलार डैम के सभी 8 गेट खोले जा चुके हैं। कैचमेंट एरिया में बारिश होने के बाद स्थिति गंभीर हो गई है। खंडवा जिले में मोरटक्का पुल से आवागमन बंद कर दिया गया है।
देवास के नेमावर में नर्मदा नदी खतरे के निशान से 1 फीट नीचे बह रही है। मंगलवार को नेमावर में नर्मदा का जलस्तर 899 फुट पर पहुंच गया था, जो अब 884 फुट है।
प्रदेश में बाढ़ के हालात पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार नजर रख रहे हैं। वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कई जिलों के कलेक्टर और अन्य अफसरों से बात भी कर चुके हैं। प्रदेश में जारी बारिश पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अब हालात में सुधार हो रहा है, लेकिन अभी भी कई रास्ते बंद हैं। पानी तेजी से उतर रहा है। एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं। फिलहाल श्योपुर-कोटा रोड, ओरछा-पृथ्वीपुर रोड, विदिशा-अशोकनगर रोड, चंदेरी-ललितपुर समेत कुछ अन्य मार्ग बंद हैं।
बारिश के आसार : अगले 24 घंटे में प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश के आसार हैं। 6 जिले राजगढ़, नीमच, रतलाम, शाजापुर, आगर और मंदसौर में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। यहां अति से भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं, मौसम विभाग ने चंबल-ग्वालियर संभाग में भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। वर्तमान में पूर्वी मध्यप्रदेश के ऊपर अति लो प्रेशर जबलपुर से 120 किमी पूर्व में एक्टिव है। इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर गतिमान रहने के साथ कमजोर होने की संभावना बनी हुई है।
टापू पर फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला : मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में मणिखेड़ा बांध का पानी छोड़े जाने के बाद एक टापू पर फंसे ग्रामीणों को सुरक्षित निकाल लिया गया। आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि सिंध नदी से इन सभी का बचाव कार्य करके सुरक्षित निकाल लिया गया है। मंगलवार को ये सभी ग्रामीण नदी में पानी छोड़े जाने की वजह से नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण एक टापू पर फंस गए थे। बार-बार चेतावनी के बाद भी ये पशुओं को चराने और कृषि कार्य के लिए नदी किनारे गए थे। मंगलवार रात इन सभी को भोजन भेजा गया। इसके बाद कल बुधवार इन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया।