नरोत्तम मिश्रा भाजपा के नए फायरब्रांड, सूबे की सियासत में रंग लाएगा हिंदुत्व कार्ड?
हिंदुत्व के फायरब्रांड नेता की छवि गढ़ते मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा इन दिनों देश भर में सुर्खियों में छाए हुए है। गृहमंत्री के सुर्खियों में आने की वजह उनकी कट्टर हिंदुत्व छवि के साथ-साथ उनका हिंदू धर्म और संस्कृति के सबसे बड़े पैरोकार के रुप में सामने आना है। हिंदू देवी-देवताओं को टारगेट किए जाने वाले किसी भी प्रकार के कृत्य पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का बेहद कड़े शब्दों में नाराजगी जताने के साथ कार्रवाई की भी बात कहना उनकी हिंदुत्ववादी छवि को दिनों-दिन और मजबूत कर रहा है।
पिछले दिनों करवाचौथ पर डाबर के समलैंगिक जोड़े को लेकर बनाए गए विज्ञापन और फिर फैशन डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी के मंगलसूत्र से जुड़े विज्ञापन पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के सख्त तेवर दिखाया। गृहमंत्री के कार्रवाई की चेतावनी देने के बाद दोनों ही विज्ञापनों को फौरन ही वापस ले लिया गया। जिसके बाद नरोत्तम मिश्रा सुर्खियों में बने हुए है।
डाबर और सब्यसाची मुखर्जी के दोनों विज्ञापनों को मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने हिंदू धर्म को जानबूझकर टारगेट की जाने की साजिश बताया था। फैशन डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी के मंगलसूत्र विज्ञापन को नरोत्तम मिश्रा ने बेहद आपत्तिजनक और अश्लील बताते हुए 24 घंटे में हटाने का अल्टीमेटम भी दे दिया था।
गृहमंत्री के अल्टीमेटम के बाद सब्यसाची मुखर्जी ने विज्ञापन को वापस लेने के साथ ही माफी भी मांग ली है। वहीं सब्यासाची के माफी मांगने के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पहली बार गलती भूल मानकर छोड़ी जा रही है अगर आगे से ऐसा हुआ तो सीधे कार्रवाई होगी।
इससे पहले करवा चौथ पर डॉबर के समलैंगिक जोड़े वाले विज्ञापन पर कड़ी नाराजगी जातते हुए नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि “हिंदू धर्म के धार्मिक त्यौहारों को लेकर विज्ञापन क्यों जारी किए जाते हैं, लेसबियन को करवाचौथ का व्रत तोड़ते हुए बता रहे है, कल को लड़कों को ही फेर लेते हुए दिखा देंगे, यहीं आपत्ति है”। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के तरफ से कानूनी कार्रवाई की बात कहे जाने के बाद डाबर की ओर से विज्ञापन को वापस ले लिया गया था।
वहीं भोपाल में मशूहर फिल्म निर्देशक प्रकाश झा की वेबसीरिज आश्रम के नाम बदलने वालों का समर्थन करते हुए नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि “आश्रम नाम क्यों, किसी दूसरे का रख कर दिखाओ, समझ में आएगा फिर, ऐसा काम न करो जिससे दिक्कत हो। हमारी भावनाओं को आहत करने वाले दृश्य फिल्माते क्यों है, अगर हिम्मत है तो किसी दूसरी धर्म की भावनाओं को आहत करने वाला दृश्य क्यों नहीं फिल्माते हो।”
दरअसल नरोत्तम मिश्रा जो कि मध्यप्रदेश के गृहमंत्री के पद है उनके कार्यकाल में पुलिस और प्रशासन अपनी सख्त कार्रवाई को लेकर लगातार चर्चा में है। बीते दिनों अयोध्या में राममंदिर के लिए धनसंग्रह के दौरान उज्जैन में हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं पर पथराव के बाद आरोपी के घरों को जमींदोज करने की कार्रवाई को सही ठहराते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने साफ कहा था कि जिस घर पत्थर आएंगे, वहीं से पत्थर निकाले जाएंगे और वहीं से पत्थर निकाले भी गए है।
दरअसल देश की राजनीति में मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की पहचान हिंदुत्व के एक नए चेहरे के तौर पर हो रही है। बीते एक साल से नरोत्तम मिश्रा के बयानों को देखा जाएं तो वह सभी उनको हिंदुत्व के एक फायरब्रांड नेता के तौर पर स्थापित करते है। बात चाहे मीडिया से बात करते समय या चुनावी मंचों की नरोत्तम मिश्रा बेधड़क खुलकर हिंदुत्व के समर्थन में अपने विचार रखते है।
वहीं इस बात को नकारा भी नहीं जा सकता कि गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा हिंदुत्व की सिर्फ बात ही नहीं करते बल्कि हिंदुत्व को जीते भी हैं। माथे पर लंबा लाल टीका लगाने के साथ-साथ वह हिंदू धर्म और संस्कृति के विद्धान भी है। मीडिया से बात करते हुए जिस तरह से धर्म और संस्कृति के श्लोकों को सुनाते है वह बताते है कि उनकी हिंदू धर्म पर पकड़ के साथ-साथ श्लोक कंठस्थ भी है।
दूसरी ओर मध्यप्रदेश के सियासी गलियारों में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के हिंदुत्व के नए फायरब्रांड नेता की बनती छवि को सियासत से जोड़कर भी देखा जा रहा है। मध्यप्रदेश से सटे राज्य उत्तरप्रदेश में जिस तरह हिंदुत्व के कट्टर चेहरे के रुप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा की पहली पंसद बने हुए कुछ उसी तर्ज पर नरोत्तम मिश्रा अपने को आगे कर मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी भी मजबूत कर रहे है। मौजूदा सरकार में नंबर-2 की हैसियत रखने वाले नरोत्तम मिश्रा को मुख्यमंत्री पद का एक प्रबल दावेदार भी माना जा रहा है।