निवाड़ी। मध्यप्रदेश के निवाड़ी जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर बारहबुजुर्ग (सैतपुरा) गांव में बुधवार सुबह बोरवेल में गिरे 5 साल के बच्चे प्रहलाद को रविवार तड़के करीब 90 घंटे बाद बोरवेल से बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई थी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बच्चे की मौत पर दुख व्यक्त किया।
शिवराज ने ट्वीट किया, मुझे अत्यंत दुःख है कि निवाड़ी के सैतपुरा गांव में अपने खेत के बोरवेल में गिरे मासूम प्रहलाद को 90 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी बचा नहीं पाए। एसडीआरएफ़, एनडीआरएफ़ और अन्य विशेषज्ञों की टीम ने दिन-रात मेहनत की लेकिन अंत में आज सुबह 3:00 बजे बेटे का मृत शरीर निकाला गया।
उन्होंने कहा कि दुःख की इस घड़ी में, मैं एवं पूरा प्रदेश प्रहलाद के परिवार के साथ खड़ा है और मासूम बेटे की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहा है। सरकार द्वारा प्रहलाद के परिवार को 5 लाख का मुआवज़ा दिया जा रहा है एवं उनके खेत में एक नया बोरवेल भी बनाया जाएगा।
चौहान ने कहा, मैं उन सभी से करबद्ध प्रार्थना करता हूं कि जो भी अपने यहां बोरवेल बना रहे हैं, वो बोर को किसी भी समय खुला न छोड़ें। पहले भी ऐसे बहुत से मासूम अपने जीवन गंवा चुके हैं। आप सब भी कहीं अगर अपने आसपास बोरवेल बना रहे हों तो उसे मज़बूती से ढंकने का प्रबंध करें और करवायें।
इसी बीच, निवाड़ी के जिलाधिकारी आशीष भार्गव ने बताया कि बोरवेल में फंसे पांच साल के मासूम प्रहलाद को बाहर निकालने का अभियान रविवार तड़के लगभग तीन बजे पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि प्रहलाद को निकालकर सीधे निवाड़ी जिला चिकित्सालय ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने परीक्षण के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
भार्गव ने बताया कि चिकित्सक ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में आया है कि बच्चे की मौत करीब तीन दिन पहले ही हो गई थी।
उल्लेखनीय है कि चार नवम्बर को प्रहलाद खेलते-खेलते अपने खेत पर 200 फीट गहरे खोदे गए बोरवेल में गिर गया था और 60 फुट पर गहराई में फंस गया था। (भाषा)