Inside story: मध्यप्रदेश उपचुनाव में वर्चुअल प्रचार पर भारी वायरल वीडियो की सियासत

वायरल वीडियो पर आमने-सामने भाजपा और कांग्रेस

विकास सिंह
मंगलवार, 6 अक्टूबर 2020 (12:05 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोनाकाल में 28 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में चुनाव आयोग ने सियासी दलों को वर्चुअल चुनाव प्रचार करने की इजाजत दी है। वर्चुअल चुनाव प्रचार के दौर में इन दिनों वायरल वीडियो की सियासत के जरिए नेताओं की छवि बनाने और बिगाड़ने की सियासत जोर-शोर से मध्यप्रदेश में जारी है।
 
उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार जैसे-जैसे जोर पकड़ता जा रहा है, उतनी ही तेजी से नेताओं से जुड़े वीडियो वायरल होते जा रहे है। पिछले दिनों शिवराज कैबिनेट में महिला बाल विकास मंत्री और डबरा से पार्टी की संभावित उम्मीदवार इमरती देवी के लगातार कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके है। वहीं इसके बाद भांडेर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार फूल सिंह बरैया का भी एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है जिसमें वह एक समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते नजर आ रहे है।
ALSO READ: मध्यप्रदेश के उपचुनाव में ग्वालियर-चंबल में बसपा बनेगी गेम चेंजर ?
वायरल वीडियो की सियासत में नया नाम शिवराज कैबिनेट में खाद्य मंत्री और उपचुनाव में भाजपा के संभावित उम्मीदवार बिसाहूलाल सिंह और मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव का जुड़ा है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव के वीडियो में वह साड़ी बांटते हुए नजर आ रहे है। वहीं मंत्री बिसाहूलाल सिंह का जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें वह बच्चों को पैसा बांटते नजर आ रहे है। 
 
विपक्ष दल कांग्रेस ने मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव के वायरल हुए वीडियो को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया के अकाउंट पर पोस्ट करते चुनाव के समय वोटरों को लालच देने का आरोप लगाते हुए तंज कसा है।
इससे पहले कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे और कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने मंत्री बिसाहूलाल सिंह के वायरल वीडियो को ट्वीट करते हुए कई सवाल उठाए है। उन्होंने वायरल वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा कि आर्दश आचार संहिता में इस प्रकार रूपए बांटना कानून अपराध है और चुनाव आयोग को इसकी जांच कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
 
वायरल वीडियो पर घिरने के बाद बिसाहूलाल सिंह ने अपनी सफाई पेश करते हुए वीडियो को पुराना बताते हुए कहा कि जब वह मंत्री बनने के बाद पहली बार अपने क्षेत्र में गए थे तब उन्होंने परंपरा के तहत छोटे बच्चों को शगुन के तौर पर पैसे दिए थे। 
चुनाव के समय लगातार वायरल हो रहे इन वीडियो की सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है और न ही इन वीडियो को बिना किसी प्रामणिकता के अपने पाठकों तक पहुंचता है लेकिन इन सबके बीच सवाल यह उठ खड़ा हो रहा है कि आज जब कोरोनकाल में पार्टियां और उम्मीदवार जोर-शोर से सोशल मीडिया के जरिए चुनाव प्रचार कर रहे है तब वायरल हुए वीडियो के जरिए कही न कही चुनाव को प्रभावित करने की भी कोशिश की जा रही है। ऐसे में चुनाव आयोग को वायरल वीडियो की सियासत पर भी अपनी नजर रखनी चाहिए और बिना प्रामणिकता के वायरल वीडियो की सियासत पर अपनी नजर और पैनी करनी चाहिए।  
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Operation Sindoor पर घमासान, भारतीय राजनीति में मीर जाफर और जयचंद की इंट्री

क्या है ऑपरेशन 'मीर जाफर', जिसमें हो रही है देश के गद्दारों की गिरफ्तारी, अब तक 13 गिरफ्त में

आसिम मुनीर को बनाया फील्ड मार्शल, पाकिस्तानी सरकार ने दिया कट्‍टरपंथी जनरल को इनाम

Airtel और Google की partnership से ग्राहकों को फायदा, Free मिलेगी यह सुविधा

क्या है कोरोना का JN.1 वेरिएंट, भारत में कितने मामले, वायरस से देश में कितना खतरा, सरकार कितनी तैयार, किन बातों का आपको रखना होगा ध्यान

सभी देखें

नवीनतम

पहलगाम आतंकी हमले के बाद असम में 73 पाकिस्तानी एजें‍ट गिरफ्तार, क्या बोले CM हिमंत सरमा

फैज की नज्म पढ़ी तो अभिनेता की पत्नी पर हो गया मुकदमा, आयोजक भी नप गए

MP में मेट्रो परियोजना से तुर्किये की कोई कंपनी जुड़ी मिले तो ठेका तुरंत करें रद्द, कैलाश विजयवर्गीय ने दिए आदेश

राहुल गांधी बोले, भाजपा का मॉडल अरबपतियों को धन देना, कांग्रेस का मॉडल गरीबों की जेब में पैसा डालना

Operation Sindoor पर घमासान, भारतीय राजनीति में मीर जाफर और जयचंद की इंट्री

अगला लेख