भोपाल। मध्यप्रदेश में सत्ता के सेमीफाइनल के तौर पर देखे जा रहे निकाय चुनाव में अब चुनाव कार्य से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी सियासी दलों के निशाने पर आ गए है। पहले चरण में भोपाल, इंदौर और ग्वालियर समेत कई नगर निगमों में कम वोटिंग के बाद भाजपा ने चुनाव कार्य में लगे ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों जिन्होंने लापरवाही की है उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पराशर ने कहा कि निर्वाचन आयुक्त जब खुद स्वीकार कर रहे है कि पर्ची बांटने और मतदान केंद्रों के निर्धारण में गड़बड़ी हुई है तो वह यह बताए कि अब इस गंभीर मामले में क्या कार्रवाई हुई है। वहीं कांग्रेस ने भी चुनाव कार्य से जुड़े अधिकारी और कर्मचारियों की भूमिका पर सवाल उठाए है।
निशाने पर बूथ लेवल ऑफिसर (BLO)- निकाय चुनाव के पहले चरण में कम वोटिंग के लिए भाजपा ने बीएलओ को जिम्मेदार ठहराया है। भाजपा का आरोप है कि मतदाताओं के नाम मतदाता सूचियों में थे लेकिन उनमें से अधिकांश मतदाताओं को मतदान पर्चियां नहीं मिली, जिसके कारण हजारों की संख्या में मतदाता मतदान के अधिकार से वंचित रह गए।
भाजपा का आरोप है कि बीएलओ के उपर कोई भी प्रभावी नियंत्रण नहीं था जिससे बीएलओ ने मतदान पर्चियां मतदाताओं को नहीं वितरित की। ऐसे बीएलओ की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
कांग्रेस के निशाने पर भी अधिकारी-कर्मचारी-वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल कांग्रेस भी चुनाव ड्यूटी में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका को लेकर खुश नहीं है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कर्मचारियों और अधिकारियों को सीधी चेतावनी दी है कि 15 महीने बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने वाली है, जो कर्मचारी और अधिकारी आज पद का दुरुपयोग कर अन्याय करते हुए, पक्षपात करते हुए, ज्यादती भरी कार्यवाही कर रहे हैं, 15 महीने बाद उन सब का इंसाफ होगा।
कमलनाथ ने नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत, जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत स्तर तक के सभी संबंधितो और प्रभारियों से पूरी चुनाव प्रक्रिया में गलत कार्यवाही और गलत लाभ पहुंचाने की घटनाओं पर शिकायत और जानकारी प्रदेश कांग्रेस दफ्तर तक सीधे भेजने के निर्देश दिए है।
कमलनाथ ने चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को इस बात के भी निर्देश दिए है कि वह इस बात का स्पष्ट उल्लेख करने के निर्देश दिए गए है कि उनके चुनाव के संबंध में किस स्तर पर, किस तरह की गड़बड़ियां एवं अनियमिततायें जानबूझकर की गई है। बूथ से लेकर जिले तक राज्य तक किस अधिकारी ने पक्षपातपूर्ण कार्यवाही की है। कहां सरकारी तंत्र का दुरूपयोग कर चुनावों को अन्यायपूर्ण रूप से प्रभावित किया गया है। किन कर्मचारी या अधिकारियों ने अपने संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं करते हुए पक्षपातपूर्ण काम किया है। इसकी शिकायत,संबंधित व्यक्ति का नाम, पदनाम और पदस्थी के जिले आदि सहित जानकारी भेजी जाये। कमलनाथ ने कांग्रेस के चुनाव प्रभारी जेपी धनोपिया को अधिकारियों के व्यवहार के संबंध में शिकायत और जानकारी लिखित में भेजेंने व्हाट्सएप करने के निर्देश दिए है।