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मध्यप्रदेश कांग्रेस के जिला अध्यक्षों के नामों के एलान के साथ बगावत, कई नेताओं का इस्तीफा, पटवारी पर फूटा गुस्सा

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हमें फॉलो करें Rebellion over the list of district presidents of Madhya Pradesh Congress

विकास सिंह

, सोमवार, 18 अगस्त 2025 (12:10 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में लंबी जद्दोजहद के बाद कांग्रेस के जिला अध्यक्षों के नामों के एलान के साथ पार्टी में बवाल शुरु हो गया है। जिला अध्यक्षों की सूची में जिस तरह से पार्टी के सीनियर दिग्गज नेताओं को जिलों की कमान देकर उन्हें जिलों की राजनीति तक समेट कर रख दिया है, उसका असर अब साफ देखा जा रहा है। दिग्गज नेताओं के जिलों से विरोध की आग धधक ने लगी है और पार्टी के जिला अध्यक्षों के नामों के एलान के बाद भी कहीं भी जश्न मनाए जाने की तस्वीरें नहीं आ रही है। कई जिलों में नए अध्यक्ष के नामों का विरोध हो रहा है। वहीं अध्यक्ष पद के दावेदारों की नाराजगी भी अब लगभग प्रदेशभर में खुलकर सामने आ गई है। कई नेताओं ने अपने पद से इस्तीफा देना भी शुरु कर दिया है।

भोपाल में पुराने चेहरे को रिपीट करने पर बवाल- राजधानी भोपाल में पार्टी ने शहर और ग्रामीण दोनों ही जगह पुराने चेहरे को रिपीट किया है। दिग्विजय सिंह के खेमे से आने वाले प्रवीण सक्सेना को दोबारा भोपाल जिला अध्यक्ष बनाया गया है,वहीं अनोखी मान सिंह पटेल को भोपाल ग्रामीण की कमान सौंपी गई है। प्रवीण सक्सेना को दोबारा जिला अध्यक्ष बनाए जाने पर अध्यक्ष पद के दूसरे दावेदार मोनू सक्सेना ने खुलकर विरोध जताया है। उन्होंने गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। उनका कहना है कि संगठन को मजबूत करने में उनकी भूमिका को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में स्थानीय कार्यकर्ताओं की भावनाओं और संगठन के निचले स्तर के योगदानकर्ताओं को दरकिनार किया गया है। वहीं मोनू सक्सेना के समर्थकों ने फेसबुक पर लिखा 'राहुल गांधी ने मांगा था संगठन सृजन, भोपाल में उसका विसर्जन हो गया।

इंदौर में बाहरी को कमान देने पर विरोध- इंदौर में कांग्रेस के शहर और ग्रामीण दोनों जिला अध्यक्ष को लेकर विरोध हो रहा है। आगर-मालवा के पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े को इंदौर ग्रामीण का जिला अध्यक्ष बनाने पर स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध जताया है। विपिन वानखेड़े पिछले लंबे अरसे से आगर मालवा में सक्रिय है और पार्टी ने उन्हें अब इंदौर ग्रामीण का जिला अध्यक्ष बनाकर स्थानीय कार्यकर्ताओं को हाशिए पर डाल दिया है।

वहीं इंदौर शहर के जिला अध्यक्ष चिंटू चौकसे के पास नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी है औऱ बताया जा रहा है कि चिंटू चौकसे ने जिला अध्यक्ष के लिए खुद की दावेदारी भी नहीं की थी। ऐसे में पार्टी कार्यकर्ता जिला अध्य़क्ष के चुनाव को लेकर रायशुमारी और सर्वे जैसी प्रक्रिया को दिखावा मानते हुए अब पार्टी नेतृत्व के सामने खुलकर नाराजगी जाहिऱ कर रहे है। कांग्रेस के संभागीय प्रवक्ता सन्नी राजपाल ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए नई नियुक्तियों को लेकर विरोध जताया है। वहीं कांग्रेस महिला मोर्चा की पूर्व जिला अध्यक्ष साक्षी डागा ने सोशल मीडिया पर सोशल मीडिया पर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा पटवारी को नहीं पता कि सक्रिय मैदानी कार्यकर्ता कौन हैं? हम बिना पद के भी कांग्रेस में काम करेंगे।

दिग्विजय के गढ़ में फूंका जीतू पटवारी का पुतला-पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे और पूर्व मंत्री और पार्टी के मौजूदा विधायक जयवर्धन सिंह को गुना जिले का अध्यक्ष बनाए जाने पर भी विरोध हो रहा है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राघौगढ़ में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का पुतला जलाया और मुर्दाबाद के नारे लगाए। राघौगढ़ के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध जताते हुए कहा कि जीतू पटवारी मंडली द्वारा युवा और प्रदेश के लोकप्रिय नेता जयवर्धन सिंह की लोकप्रियता से बौखला कर आलाकमान को गुमराह करके जिला कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है.जबकि पूरे प्रदेश में घूम-घूमकर कांग्रेस में जान सिर्फ जयवर्द्धन सिंह ही फूंक रहे हैं। हलांकि जयवर्धन सिंह ने इस विरोध प्रदर्शन को कार्यकर्ताओं की गलतफहमी बताया है।

देवास में पटवारी समर्थक ने छोड़ी पार्टी- इंदौस से सटे देवास जिले में भी कांग्रेस में नए जिला अध्यक्ष का विरोध शुरु हो गया है। देवास में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के समर्थक गौतम बंटू गुर्जर भी पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी हैं। देवास में पार्टी ने देवास शहर की कमान प्रयास गौतम और देवास ग्रामीण की जिम्मेदारी मनीष चौधरी को सौंपी है।

सतना में विधायक को अध्यक्ष बनाने का विरोध- सतना में पार्टी ने विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को सतना ग्रामीण का जिला अध्यक्ष बनाया है। इसको लेकर भी विरोध तेज हो गया है। सिद्धार्थ कुशवाह दूसरी बार के विधायक हैं और ओबीसी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं। इसके पहले वह महापौर और लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी भी रह चुके हैं। एक ही व्यक्ति को बार-बार पार्टी की ओर से जिम्मेदारी दिए जाने को लेकर स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरु कर दिया है।
 
जीतू पटवारी का डैमेज कंट्रोल- वहीं कांग्रेस में  बढ़ते विरोध को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कांग्रेस परिवार के जांबाज साथियों, अब हमें मिलकर संगठन सृजन अभियान के अगले पड़ाव की ओर कदम बढ़ाना है! कांग्रेस के विचार और संस्कार को जन-जन तक, पंचायतों तक लेकर जाना है! सभी के सर्वश्रेष्ठ योगदान से ही सशक्त संगठन मप्र में कांग्रेस की पहचान है! संगठन निर्माण की इस प्रकिया में चयन से वंचित रहे साथियों को शीघ्र ही नई जिम्मेदारी दी जाएगी! अगले मोर्चे के लिए भी हमें जी-जान से जुटकर तैयारी करनी है! जन-मन/घर-घर तक कांग्रेस की रीति-नीति को पहुंचाना है! सिर्फ एक लक्ष्य कि 2028 में कांग्रेस सरकार बनाना है!
 

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