इंदौर। व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) में हुए कथित घोटाले के मामले में व्यापमं के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक डॉ. पंकज त्रिवेदी के विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज प्रकरण में शुक्रवार को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने उन्हें जमानत दे दी। प्रवर्तन निदेशालय ने फरवरी 2014 में डॉ. त्रिवेदी के विरुद्ध मामला दर्ज किया था। इस मामले में शुक्रवार को उन्हें न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की एकल पीठ ने जमानत दे दी।
डॉ. त्रिवेदी के अधिवक्ता के अनुसार डॉ. त्रिवेदी के विरुद्ध दर्ज प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय ने उनकी एक भी संपत्ति संलग्न करने योग्य नहीं पाई, साथ ही डॉ. त्रिवेदी के विरुद्ध दर्ज कुल 10 प्रकरणों में विभिन्न संबंधित न्यायालयों से उन्हें जमानत मिल चुकी है। डॉ. त्रिवेदी के अधिवक्ता के अनुसार मुख्यतया इन्हीं दोनों तर्कों के समर्थन में प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने उन्हें जमानत का लाभ दिया है।
डॉ. त्रिवेदी के विरुद्ध केंद्रीय जांच ब्यूरो और अन्य जांच एजेंसियों ने व्यापमं के तहत विभिन्न गड़बड़ियां पाए जाने पर प्रकरण दर्ज किए थे। इसके बाद 'अर्थशोधन निवारण अधिनियम' के तहत प्रवर्तन निदेशायालय ने डॉ. त्रिवेदी के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया था।
प्रवर्तन निदेशालय ने 13 जुलाई को डॉ. त्रिवेदी के विरुद्ध ढाई हजार से अधिक पेजों का आरोप पत्र प्रकरण से संबंधित विशेष न्यायालय इंदौर के समक्ष प्रस्तुत किया। इसमें डॉ. त्रिवेदी पर प्री मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) 2012, 2013, परिवहन आरक्षक, वनरक्षक, संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2, वर्ग-3, कनिष्ठ आपूर्ति निरीक्षक, प्लाटून कमांडर सहित व्यापमं की अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी के आरोप हैं।