भोपाल। मध्यप्रदेश में लगातार मासूम बच्चियों के साथ हो रही हैवानियत की खबरों ने हम सभी को झकझोर कर रख दिया है। राजधानी के नामचीन बिलाबॉन्ग स्कूल से मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी के मामले ने एक बार फिर पूरे समाज को शर्मिंदा कर दिया है। मध्यप्रदेश में जो मासूम बच्चियों के साथ रेप के मामले में देश में पहले से नंबर-1 पर है,उस पर यह घटना यह बताती है कि मासूम बच्चियां कहीं भी महफूज है। हाल में ही आई एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश में औसतन हर तीन घंटे में एक मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में मध्यप्रदेश में बच्चियों के साथ रेप के 3515 मामले दर्ज हुए थे। वहीं बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध में भी मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर है।
राजधानी भोपाल के सबसे महंगे स्कूलों में शुमार बिलाबॉन्ग स्कूल में पढ़ने वाली मासूम बच्ची के साथ रेप में बस के ड्राइवर के साथ बस में ड्यूटी प तैनात महिला केयरटेकरकी भी मिलीभगत सामने आने के बाद हर कोई हैरान है। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को एक दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
स्कूल बस में रेप सुरक्षा के दावों का माखौल-एक नामचीन स्कूल की बस में मासूम बच्ची के साथ रेप की घटना सरकार के उन तमाम दावों का माखौल उड़ाती है जिसको लेकर सरकार और प्रशासन अक्सर अपनी पीठ ठोंकता हुआ नजर आता है।
स्कूल बस में सुरक्षा को लेकर सरकार के नियमों के मुताबिक स्कूल बस के ड्राइवर और उसके कंडक्टर का पुलिस वेरीफिकेशन अनिवार्य होगा। गाइडलाइन के मुताबिक अभी स्कूल संचालक और परिवहन विभाग को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन अवश्य रूप से हो। बिलबॉन्ग स्कूल की घटना में स्कूल प्रबंधन बस ड्राइवर के वेरिफिकेशन का दावा कर रहा है लेकिन सवाल यही हैं कि क्या पुलिस वेरिफिकेशन केवल कांगजों पर हुआ था।
राजधानी में लाखों की फीस वसूलने वालों स्कूल सरकार के नियमों की आए दिन धज्जियां उड़ाते नजर आते है लेकिन जिम्मेदार एकदम खमोश रहते है। जगाते है तब जब कोई गुड़िया दरदिंगी का शिकार हो जाती है। जैसा बिलाबॉन्ग स्कूल की घटना के बाद हुआ। घटना के बाद परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने स्कूल बसों में सीसीटीवी अनिवार्य करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि बस में होने वाली वारदातों को रोकने के लिए जल्द ही कमांड सेंटर शुरू किए जाएंगे।
मंत्री जी सीसीटीवी लगाने की बात तो दूर स्कूलों बसों के ड्राइवर और कंडक्टर के वेरिफिकेशन के साथ स्कूल बसों महिला स्टॉफ और उसके पुलिस वेरिफिकेशन होने की अनिवार्यता के आदेश को तो अच्छे से पालन करवा दीजिए।
स्कूल शिक्षा विभाग ने जांच के आदेश-हाईलेवल जांच के आदेश हो गए है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए है। इसके साथ पूरे मामले की जांच के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के एक विशेष दल का गठन किया गया है। जांच दल घटना में स्कूल प्रबंधन की लापरवाही, पेरेंट्स की पूर्व शिकायतों पर स्कूल प्रबंधन की ओर से की गई कार्यवाही, स्कूल में बसों के संचालन में नियमों में पालन की जांच कर अपनी रिपोर्ट पेश करेगा।
वहीं स्कूल बस में रेप के मामले में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और जांच में दोषी पाए जाने पर स्कूल प्रबंधन पर भी कार्रवाई की जाएगी। सरकार स्कूल प्रबंधन के खिलाफ लाख कार्रवाई कर दें लेकिन क्या सरकार एक तीन साल की बच्ची के साथ हुई घटना और घटना के उस पर पड़े प्रभाव को भी किसी कार्रवाई से दूर कर पाएगी।