Inside story: मध्यप्रदेश के उपचुनाव में घुटनों के बल बैठे शिवराज,जरूरी या मजबूरी ?

विकास सिंह
शनिवार, 10 अक्टूबर 2020 (12:35 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार का भविष्य तय करने वाले उपचुनाव में भाजपा की जीत की राह में कई कांटे है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आए सभी नेता उपचुनाव में फिर भाजपा के टिकट पर मैदान में है। भले ही सिंधिया समर्थक भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतर गए है लेकिन अब भी वह भाजपा के अंदर पूरी तरह रच-बस नहीं पाए है। स्थानीय स्तर पर भाजपा के कार्यकर्ता और सिंधिया के साथ आए कार्यकर्ताओं का गुट चुनावी दौर में भी सामंजस्य नहीं बैठा पा रहा है।
 
जैसे-जैसे चुनाव करीब आता जा रहा है, भाजपा के बड़े नेताओं में भी भीतरघात का डर साफ तौर पर देखा जाने लगा है। कार्यकर्ताओं के अंसतोष को दूर करने और सिंधिया समर्थक नेताओं की जीत की राह सुनिश्चत करने के लिए एक तरह से अब कमान अब खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संभाल ली है। 
 
शुक्रवार को उपचुनाव वाली सीट सुवासरा में कार्यकर्ता सम्मेलन में पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अचानक से मंच पर घुटनों के बल बैठ गए। पंद्रह दिन में दूसरी बार कार्यकर्ता सम्मेलन में सुवासरा पहुंचे शिवराज ने घुटनों के बल बैठकर कार्यकर्ताओं को नमन किया। अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि क्योंकि मैं दिल से ज्यादा और दिमाग से कम राजनीति करता हूं और आज मेरा दिल कह रहा है कि शिवराज यहां बैठकर शीश झुकाकर तुम मंदसौर और नीमच की जनता को प्रणाम करो और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दो। 
उन्होंने मंच से पिछले चुनाव में हारे पार्टी के उम्मीदवार राधेश्याम पाटीदार का नाम लेकर कहा कि वह उनके साथ है। शिवराज ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मंदसौर में पानी तब आएगा जब सरकार बनी रहेगी, उन्होंने कार्यकर्ताओं से पूछा कि क्या मामा को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए लेकिन मामा तभी रहेगा जब यह डंग रहेगा।

वरिष्ठ पत्रकार शिवअनुराग पटैरिया कहते हैं कि शिवराज का सुवासरा में चुनावी सभा में घुटनों के बल बैठना उनके लिए जरूरी और मजबूरी दोनों ही था। सुवासरा एक ऐसी सीट है जो पिछले चुनाव में हरदीप सिंह डंग ने मात्र 350 वोटों के अंतर जीती थी है। ऐसे में इस सीट पर भाजपा की राह पहले से ही आसान नहीं है और ऊपर से पार्टी के कोर कार्यकर्ताओं की नाराजगी। ऐसे में शिवराज सिंह चौहान ने एक इमोशनल कार्ड खेला है।

चौथी बार के मुख्यमंत्री शिवराज अच्छी तरह से इन चुनावों की अहमियत जानते है। वह यह भी जानते है कि सहानुभूति कार्ड के सहारे कैसे चुनाव जीता जाता है। ऐसे में जब उपचुनाव में शिवराज ही पार्टी के चेहरा है तो  कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने, उनको एकजुट करने और वोटरों को रिझाने के लिए शिवराज ने एक मास्टर स्ट्रोक चला है। भले ही शिवराज ने सुवासरा में मंच पर बैठे हो लेकिन उसका असर सभी 28 सीटों पर होगा और अब भाजपा  इसको चुनावी मैदान में भी भुनाएगी।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए खुशखबरी, केन्द्र सरकार ने बढ़ाया डीए

नासिक कुंभ के नाम को लेकर अखाड़ों में मतभेद, जानिए कब शुरू होगा मेला

ATM से अतिरिक्त निकासी पर शुल्क बढ़ा, जानिए कब से लागू होंगे यह charges

यूक्रेन के साथ युद्ध रोकने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की पेशकश, NATO को दी चेतावनी

ईद पर मुंबई में विस्फोट और दंगों की चेतावनी, सुरक्षा बढ़ाई गई

सभी देखें

नवीनतम

1 अप्रैल से पूरे UP में चलेगा यह विशेष अभियान, CM योगी ने दिए निर्देश

‘कैश एट जज डोर’ मामले में 17 साल बाद आया फैसला, पूर्व हाईकोर्ट जस्टिस निर्मल यादव बरी

Pollution : कितनी प्रदूषित हैं नदियां, क्या मास्क पहनकर खुले में खेलेंगे बच्चे, प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट के जज सख्त

मोहम्मद यूनुस ने तोड़ा शेख हसीना का सपना, भारत के मुकाबले चीन को क्यों तरजीह दे रहा है बांग्लादेश

Chhattisgarh : 17 नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने किया ढेर, 87 दिनों में 117 हार्डकोर Naxalites का सफाया

अगला लेख