इंदौर। नगर निगम कर्मचारियों द्वारा हाड़ कंपाने वाली ठंड में बेघर और बेसहारा बुजुर्गों को इंदौर की शहरी सीमा से जबरन बाहर छोड़े जाने की बहुचर्चित अमानवीय घटना की चौतरफा हुई निंदा के बीच इस पूरे घटनाक्रम ने एक महिला को उसके गुम हुए पति से मिला दिया।
पुष्पा सालवी नामक महिला ने पिछले शुक्रवार को बेघर और बेसहारा बुजुर्गों को इंदौर की शहरी सीमा से जबरन बाहर छोड़े जाने की सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो व फोटो देखे तो इसी दौरान उन्होंने सड़क पर बैठे अपने पति अनिल सालवी (50) को पहचान लिया।
चंदन नगर क्षेत्र के दामोदर नगर में रहने वाली 48 वर्षीय पुष्पा सालवी ने मंगलवार को मीडिया को बताया कि मेरे पति अनिल सालवी महीनेभर से गायब थे। उसे हम लगातार तलाश कर रहे थे। मैंने चंदन नगर पुलिस थाने में उसकी गुमशुदगी भी लिखाई थी।
उन्होंने कहा कि 29 जनवरी को सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो व फोटो को देखकर मैंने अपने पति को पहचान लिया। इसी बीच किसी व्यक्ति ने अचानक फोन कर बताया कि मेरे पति निपानिया इलाके में सड़क पर बैठे हैं। मैं तुरंत ऑटो रिक्शा से मौके पर पहुंची तो वहां पर मुझे मेरे पति मिले। पुष्पा ने कहा कि मेरे पति के आसपास 5 से 7 और बुजुर्ग भी बैठे थे। उन्होंने कहा कि ऑटो रिक्शा चालक को इंदौर नगर निगम के कर्मचारियों ने निपानिया इलाके में पहुंचने का रास्ता तो बताया लेकिन इन कर्मचारियों ने उन्हें उनके पति को घर लाने में कोई सहायता नहीं की।
पुष्पा ने कहा कि सबसे पहले मैं अपने पति को मानसिक चिकित्सालय ले गई, जहां चिकित्सकों ने उन्हें दवा दी। इसके बाद वह अपने पति को 29 जनवरी को देर शाम को अपने घर पर लाई। उन्होंने बताया कि पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट उन्होंने पुलिस में दर्ज कराई थी। चंदन नगर पुलिस थाना प्रभारी योगेश तोमर ने कहा कि इस व्यक्ति की गुमशुदगी की रिपोर्ट 15 जनवरी को की गई थी। उन्होंने कहा कि अब वह मिल गया है और अपने परिवार के साथ है। (भाषा)