महाभारत में राक्षस अलम्बुष कौन था, जानिए उसका वध किसने किया

अनिरुद्ध जोशी
Alambush Story
 

महाभारत में जब अर्जुन और उसका पुत्र इरावन हाहाकार मचा देते हैं तो कौरव पक्ष में चिंता की लहर दौड़ जाती है। महाभारत के भीष्म पर्व के 83वें अध्‍याय के अनुसार महाभारत के युद्ध के सातवें दिन अर्जुन और उलूपी के पुत्र इरावान का अवंती के राजकुमार विंद और अनुविंद से अत्यंत भयंकर युद्ध हुआ। इरावान ने दोनों भाइयों से एक साथ युद्ध करते हुए अपने पराक्रम से दोनों को पराजित कर दिया और फिर कौरव सेना का संहार आरंभ कर दिया।
 
भीष्म पर्व के 91वें अध्याय के अनुसार आठवें दिन जब सुबलपुत्र शकुनि और कृतवर्मा ने पांडवों की सेना पर आक्रमण किया, तब अनेक सुंदर घोड़े और बहुत बड़ी सेना द्वारा सब ओर से घिरे हुए शत्रुओं को संताप देने वाले अर्जुन के बलवान पुत्र इरावान ने हर्ष में भरकर रणभूमि में कौरवों की सेना पर आक्रमण कर प्रत्युत्तर दिया। इरावान द्वारा किए गए इस अत्यंत भयानक युद्ध में कौरवों की घुड़सवार सेना नष्ट हो गयी और शकुनि के छहों पुत्रों का उसने वध कर दिया। यह देख दुर्योधन भयभीत हो उठा और वह भागा हुआ राक्षस ऋष्यश्रृंग के पुत्र अलम्बुष के पास गया, जो पूर्वकाल में किए गए बकासुर वध के कारण भीमसेन का शत्रु बन बैठा था। युद्धश्र में अलम्बुष को उतारा जाता है।
 
उधर, यह बात पांडवों को पता चलती है तो श्रीकृष्ण कहते हैं कि अलंबुस पांडवों पर अंकुश लगाएगा। ये उनका भ्रम है बड़े भैया, जो धर्म पर होते हैं और धर्म के लिए लड़ते हैं उन पर तो मृत्यु भी अंकुश नहीं लगा सकती क्योंकि वे अपनी जान हथेली पर रखकर युद्ध करते हैं। फिर इरावन का अलंबुष से भयंकर युद्ध होता है और अंत में अर्जुन पुत्र इरावन मारा जाता है। 
 
इसके बाद अलंबुस का घटोत्कच के साथ युद्ध होता है। वीर घटोत्कच के द्वारा शालकंट कटा के पुत्र अलम्बुष को धरती पर पटकर उसकी हड्डियां चूर-चूर कर देता है और इस तरह मायावी राक्षस अलम्बुष का वध हो जाता है। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Weekly Horoscope: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा सप्ताह, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल (18 से 24 नवंबर)

Mokshada ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी कब है, क्या है श्रीकृष्‍ण पूजा का शुभ मुहूर्त?

Shani Margi: शनि का कुंभ राशि में मार्गी भ्रमण, 3 राशियां हो जाएं सतर्क

विवाह पंचमी कब है? क्या है इस दिन का महत्व और कथा

उत्पन्ना एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?

सभी देखें

धर्म संसार

21 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

21 नवंबर 2024, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

Kark Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi:  कर्क राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

मार्गशीर्ष के गुरुवार को महाविष्णु की उपासना का महत्व और जानिए सरल पूजा विधि

अगला लेख