Nagpur violence: अदालत ने 17 आरोपियों को शनिवार तक पुलिस हिरासत में भेजा

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 21 मार्च 2025 (15:36 IST)
Nagpur violence: नागपुर (Nagpur) की एक स्थानीय अदालत ने यहां हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार 17 लोगों को 22 मार्च यानी शनिवार तक पुलिस हिरासत (police custody) में भेज दिया है। अदालत ने आरोपियों को पुलिस हिरासत में भेजते समय अपराध की गंभीरता और प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ पुख्ता आरोप लगाए जाने का हवाला दिया।
 
आरोपियों को गुरुवार रात मजिस्ट्रेट मैमुना सुल्ताना के समक्ष पेश किया गया और पुलिस ने उनकी 7 दिनों की हिरासत का अदालत से अनुरोध किया लेकिन अदालत ने केवल 2 दिन की हिरासत को मंजूरी दी। इन लोगों को गणेशपेठ पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आरोपियों के खिलाफ लगाए गए अपराध गंभीर प्रकृति के हैं और इसलिए उनसे हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है।ALSO READ: CM ने नागपुर हिंसा का ठीकरा फिल्म छावा पर फोड़ा, शिवसेना के मुखपत्र सामना में दावा
 
अफवाहों के बीच हिंसा भड़की : छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन के दौरान पवित्र आयत लिखी चादर जलाए जाने की अफवाहों के बीच हिंसक भीड़ ने सोमवार शाम नागपुर के कई इलाकों में पथराव और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया।
 
अदालत ने कहा कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों तथा अपराध की गंभीरता को देखते हुए जांच एजेंसी के समक्ष आरोपियों की शारीरिक उपस्थिति सुनिश्चित करना आवश्यक है, क्योंकि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपियों के खिलाफ आरोप पुख्ता हैं।
 
अदालत ने आरोपियों की ओर से पेश वकीलों की इस दलील को स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि गिरफ्तार किए गए 17 लोगों में से केवल 4 का नाम प्राथमिकी में दर्ज है और अन्य की कोई विशेष भूमिका नहीं बताई गई है। बचाव पक्ष के वकीलों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने बाकी लोगों को बिना किसी सबूत के गिरफ्तार कर लिया।ALSO READ: नागपुर हिंसा में बांग्‍लादेश कनेक्‍शन, सोशल मीडिया में पोस्‍ट किया, अगली बार तुम्‍हारी औरतों को उठाएंगे, फहीम समेत 84 गिरफ्तार
 
अपराध के समय भीड़ मौजूद थी : अदालत ने अपने आदेश में कहा कि यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि भले ही गिरफ्तार किए गए कुछ आरोपियों के नाम प्राथमिकी में नहीं हैं लेकिन जांच के दौरान उनकी संलिप्तता सामने आई। अदालत ने कहा कि अपराध के समय भीड़ मौजूद थी और इसलिए प्रत्येक आरोपी की भूमिका बता पाना बेहद कठिन है। अदालत ने कहा कि मामले की जांच प्रारंभिक चरण में है और विस्तृत जांच अभी पूरी होनी बाकी है।
 
आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन पर राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने वाले कृत्यों में संलिप्त होने, धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, दंगा करने, उकसाने, साजिश करने, महिला पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करने, महिला को निर्वस्त्र करने का प्रयास करने, महिला की गरिमा का अपमान करने, हत्या का प्रयास करने, आम आदमी और लोक सेवक को चोट पहुंचाने समेत कई आरोप लगाए गए हैं।
 
सहायक लोक अभियोजक मेघा बुरंगे ने कहा कि अपराध के मुख्य साजिशकर्ता और अन्य अपराधियों का पता लगाने के लिए आरोपियों से हिरासत में पूछताछ करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आरोपियों ने नागरिकों में दहशत फैलाई और कुछ पुलिसकर्मियों पर हमला भी किया।
 
सोमवार की हिंसा के दौरान पुलिस उपायुक्त रैंक के तीन अधिकारियों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने हिंसा के मुख्य आरोपी एवं माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी की शहर इकाई प्रमुख फहीम खान और 5 अन्य के खिलाफ राजद्रोह और सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया है। खान को 19 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और वह अब न्यायिक हिरासत में है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

नई लाशें बिछाने के लिए गड़े मुर्दे उखाड़ दिए, संजय राउत का भाजपा पर निशाना

पत्नी मांगती है सेक्स के बदले 5000, प्राइवेट पार्ट पर पहुंचाई चोट

यूपी में पूर्व मंत्री की बहू की हत्‍या, बेडरूम में इस हालत में मिली लाश, आरोप में पति और ब्‍वॉयफ्रेंड हिरासत में

हम कूड़ादान नहीं हैं, जस्टिस वर्मा के तबादले पर भड़के इलाहाबाद के वकील

पेट दर्द होने पर युवक ने YouTube देखकर खुद की सर्जरी की, जानिए फिर क्या हुआ

सभी देखें

नवीनतम

UP : महिला से दुष्कर्म की कोशिश और हत्या मामले का आरोपी मुठभेड़ में ढेर

भारतीय नौसेना ने बचाई जहाज चालक दल के 3 घायल सदस्यों की जान

यूपी में मंदिर के बाहर गोवंश का सिर मिला, पुलिस ने स्थिति को संभाला

यूपी में भाजपा विधायक गुर्जर का आरोप, सरकारी खजाने को लूट रहे हैं अधिकारी

मणिपुर के राहत शिविर में 9 वर्षीय बच्ची मृत मिली, दुष्कर्म की आशंका

अगला लेख