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कबूतर प्रतिबंध के समर्थन में एकत्र हुआ मराठी संगठन, जैन मुनि ने दी हथियार उठाने की चेतावनी

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हमें फॉलो करें Marathi organization gathered in support of pigeon ban

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मुंबई , बुधवार, 13 अगस्त 2025 (14:49 IST)
Mumbai Pigeon Ban News: कबूतरों (pigeons) को दाना खिलाने पर लगे प्रतिबंध के समर्थन में बुधवार को मुंबई के दादर इलाके में एक कबूतरखाने पर एकत्र हुए मराठी एकीकरण समिति के प्रमुख समेत संगठन के कई सदस्यों को हिरासत में ले लिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मराठी समर्थक संगठन के कार्यकर्ताओं का एक समूह पूर्वाह्न करीब 11 बजे कबूतरखाना (कबूतरों को दाना डालने का स्थान) पर एकत्र हुआ, जहां किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। पुलिस ने मराठी एकीकरण समिति के अध्यक्ष गोवर्धन देशमुख को भी हिरासत में ले लिया। दूसरी ओर प्रतिबंध के विरोध में जैन मुनि नीलेशचंद्र विजय ने हथियार उठाने की चेतावनी दी है।
 
एक अधिकारी ने बताया कि जब संगठन के सदस्य प्रदर्शन कर रहे थे तो उनमें से कई को हिरासत में लेकर पुलिस वाहन में बिठा दिया गया। देशमुख ने भारी भीड़ के बीच मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों से बात करने की कोशिश की और 6 अगस्त को कबूतरखाने में प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।ALSO READ: कबूतरों को दाना डालने पर पाबंदी पर जैन समुदाय में आक्रोश, जैन मुनि बोले, आदेश वापस नहीं लिया तो शस्‍त्र उठा लेंगे
 
कबूतरों को दाना खिलाने के मुद्दे में कोई धार्मिक पहलू नहीं : 6 अगस्त को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने दादर कबूतरखाना में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) द्वारा कबूतरों को दाना खिलाने की परंपरा को रोकने के लिए लगाए गए तिरपाल को हटा दिया था। इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प हुई थी। महाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने बाद में दावा किया था कि लोकप्रिय कबूतरदाना स्थल पर हुए विरोध प्रदर्शन में जैन समुदाय के सदस्यों की कोई भूमिका नहीं थी। उन्होंने स्पष्ट किया था कि कबूतरों को दाना खिलाने के मुद्दे में कोई धार्मिक पहलू नहीं है।ALSO READ: महंगा पड़ा कबूतर को दाना डालना, मुंबई में दर्ज हुई FIR
 
बुधवार को मराठी एकीकरण समिति के प्रदर्शन में शामिल एक व्यक्ति ने कहा कि वे प्रतिबंध के समर्थन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए कबूतरखाने में इकट्ठा हुए थे। उन्होंने दावा किया कि जैन समुदाय के कुछ सदस्यों ने अदालती आदेशों की अवहेलना की है। बंबई उच्च न्यायालय ने कबूतरों के मल से लोगों के स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान पर विचार करते हुए कहा था कि विशेषज्ञों की एक समिति इस बात का अध्ययन कर सकती है कि शहर में पुराने कबूतरखाने जारी रहने चाहिए या नहीं। अदालत ने कहा था कि अगर कोई चीज व्यापक रूप से वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है तो उस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। इसमें संतुलन होना चाहिए।
 
जैन मुनि नीलेशचंद्र विजय ने सोमवार को चेतावनी दी थी : जैन मुनि नीलेशचंद्र विजय ने सोमवार को चेतावनी दी थी कि अगर कबूतरों को दाना डालने के स्थानों को बंद करने का फैसला लिया गया तो 13 अगस्त से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा था कि अगर अदालती आदेश जैन समुदाय की धार्मिक परंपराओं के विरुद्ध होंगे तो समुदाय उनका पालन नहीं करेगा। उन्होंने कहा था कि जरूरत पड़ने पर हम धर्म के लिए हथियार भी उठाएंगे।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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