बापू को श्रद्धांजलि देने के अनोखे अंदाज

महात्मा गाँधी : पुण्यतिथि विशेष

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पोरबंदर के भीड़भाड़ वाले चौपाटी बीच पर वे शांत खड़े हैं, उनका सुनहरे रंग का चश्मे का फ्रेम यथावत है और सुबह की धूप में चमक रहा है, उनके आसपास काफी कोलाहल है लेकिन वह खामोश, स्थिर खड़े हैं। यह हैं गुजरात के जयेश हिंगलाजिया जो महात्मा गाँधी की पुण्यतिथि पर उन्हें अलग तरीके से श्रद्धांजलि अर्पित क रत े हैं।

जयेश पिछले कई वर्षों से राष्ट्रपिता को इसी तरीके से श्रद्धांजलि दे रहे हैं। खुद को सिर से पैर तक सुनहरे रंग में रंग कर सार्वजनिक जगहों पर वह गाँधी की प्रतिमा की भाँति खड़े रहते हैं।

जयेश ने कहा, ‘गाँधी जी ने हमें सादे जीवन की सीख दी और उनके शांति एवं प्रेम का संदेश आज के समय में भी प्रासंगिक है। मैं एक कलाकार हूँ जो पेंट और अपने शरीर का उपयोग कर उनके संदेश को जीवंत रखने का प्रयास करता हूँ।’ उनका पसंदीदा रंग सुनहरा है और इसी कारण जय े श गाँधी जी की पुण्यतिथि पर प्रतिमा का रूप धारण किए रहते है ं।

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महात्मा गाँधी को उनके जन्मस्थान पर शहीद दिवस के अवसर पर अलग तरह से श्रद्धांजलि दी जाती है। यहाँ देश भर के कलाकार उनकी पुण्यतिथि पर उनकी जीवनी और उनके कार्यों को बालू की प्रतिमाओं एवं आकृतियों से जीवंत करते हैं।

देश भर के डेढ़ सौ कलाकार इस शांत शहर में इकट्ठा होते हैं जो महात्मा गाँधी की जिंदगी के विविध पहलुओं का चित्रण बालू के माध्यम से करते हैं। महात्मा गाँधी ने अपनी जिंदगी के रचनात्मक क्षण यहीं गुजारे थे। अपनी तरह के अनोखे इस कार्यक्रम के लिए कलाकार महीनों काम करते हैं।

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