जानिए मकर संक्रांति का वैज्ञानिक महत्व

आचार्य राजेश कुमार
•  मकर संक्रांति के समय नदियों में वाष्पन क्रिया होती है। इससे तमाम तरह के रोग दूर हो सकते हैं। इसलिए इस दिन नदियों में स्नान करने का महत्व बहुत है।
 
• मकर संक्रांति में उत्तर भारत में ठंड का समय रहता है। ऐसे में तिल-गुड़ का सेवन करने के बारे में विज्ञान भी कहता है। ऐसा करने पर शरीर को ऊर्जा मिलती है। जो सर्दी में शरीर की सुरक्षा के लिए मदद करता है।
 
• इस दिन खिचड़ी का सेवन करने के पीछे भी वैज्ञानिक कारण है। खिचड़ी पाचन को दुरुस्त रखती है। इसमें अदरक और मटर मिलाकर बनाने पर यह शरीर को रोग-प्रतिरोधक बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करती है।
 
• वेदशास्त्रों के अनुसार, प्रकाश में अपना शरीर छोड़नेवाला व्यक्ति पुन: जन्म नहीं लेता, जबकि अंधकार में मृत्यु प्राप्त होनेवाला व्यक्ति पुन: जन्म लेता है। यहां प्रकाश एवं अंधकार से तात्पर्य क्रमश: सूर्य की उत्तरायण एवं दक्षिणायन स्थिति से ही है। संभवत: सूर्य के उत्तरायण के इस महत्व के कारण ही भीष्म ने अपने प्राण तब तक नहीं छोड़े, जब तक मकर संक्रांति अर्थात सूर्य की उत्तरायण स्थिति नहीं आ गई। सूर्य के उत्तरायण का महत्व छांदोग्य उपनिषद में भी किया गया है।
 
• इस प्रकार स्पष्ट है कि सूर्य की उत्तरायण स्थिति का बहुत ही अधिक महत्व है। सूर्य के उत्तरायण होने पर दिन बड़ा होने से मनुष्य की कार्यक्षमता में भी वृद्धि होती है जिससे मानव प्रगति की ओर अग्रसर होता है। प्रकाश में वृद्धि के कारण मनुष्य की शक्ति में भी वृद्धि होती है।
 
• पंजाब और हरियाणा में इस समय नई फसल का स्वागत किया जाता है और लोहड़ी पर्व मनाया जाता है, वहीं असम में बिहू के रूप में इस पर्व को उल्लास के साथ मनाया जाता है।
 
• इसलिए इस दिन से रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं। दिन बड़ा होने से सूर्य की रोशनी अधिक होगी और रात छोटी होने से अंधकार कम होगा। इसलिए मकर संक्रांति पर सूर्य की राशि में हुए परिवर्तन को अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होना माना जाता है। 
ALSO READ: मकर संक्रांति 2021 : जानिए शुभ मुहूर्त, महापुण्यकाल और महत्व
मकर संक्रांति राशि दान 
मेष-गुड़, चिक्की, तिल 
वृषभ-सफेद कपड़े और सफ़ेद तिल 
मिथुन-मूंग दाल, चावल और कंबल
कर्क-चांदी, चावल और सफेद वस्त्र 
सिंह- तांबा और सोने के मोती
कन्या-चावल, हरे मूंग या हरे कपड़े 
तुला- हीरे, चीनी या कंबल 
वृश्चिक-मूंगा, लाल कपड़ा और काला तिल
धनु-वस्त्र, चावल, तिल और गुड़
मकर-गुड़, चावल और तिल 
कुंभ-काला कपड़ा, काली उड़द, खिचड़ी और तिल
मीन-रेशमी कपड़ा, चने की दाल, चावल और तिल 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Buddha purnima 2024: भगवान बुद्ध के 5 चमत्कार जानकर आप चौंक जाएंगे

Buddha purnima 2024: बुद्ध पूर्णिमा शुभकामना संदेश

Navpancham Yog: सूर्य और केतु ने बनाया बेहतरीन राजयोग, इन राशियों की किस्मत के सितारे बुलंदी पर रहेंगे

Chankya niti : करोड़पति बना देगा इन 4 चीजों का त्याग, जीवन भर सफलता चूमेगी कदम

Lakshmi prapti ke upay: माता लक्ष्मी को करना है प्रसन्न तो घर को इस तरह सजाकर रखें

22 मई 2024 : आपका जन्मदिन

22 मई 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Nautapa 2024 date: 25 मई से 2 जून तक रहेगा नौतपा, रहें सावधान

Chanakya Niti : बिना कारण दूसरों के घर जाने से होंगे 3 नुकसान

Buddh purnima 2024 : गौतम बुद्ध की पूजा करने का क्या है शुभ मुहूर्त

अगला लेख