100 साल तक 15 जनवरी को मनेगी मकर संक्रांति

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हर 100 साल में 1 दिन बढ़ती है संक्रांति
 

 
अब अगले 100 साल तक मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। अब तक मकर संक्रांति का नाम लेते ही 14 जनवरी का ध्यान आता है, लेकिन अब यह गुजरे जमाने की बात हो जाएगी। इस बार से मकर संक्रांति 15 जनवरी को होगी और अगले 100 साल तक यह इसी तारीख को मनाई जाएगी।
 
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में शाम 7.27 बजे प्रवेश करेगा। मकर संक्रांति सूर्य दर्शन का पर्व है इसलिए इसका पुण्यकाल 15 जनवरी को होगा। संक्रांति का पुण्यकाल 16 घंटे रहता है। हर 100 साल में 1 दिन संक्रांति बढ़ती है। 1 दिन पीछे चले जाने से हर 100 साल में संक्रांति का 1 दिन बढ़ जाता है।
 
यह संक्रांति हाथी पर सवार होकर आएगी
 

 
पंचांग के अनुसार ये संक्रांति महोदरी नामक संक्रांति है और हाथी पर सवार होकर आएगी। इसकी दृष्टि वायव्य दिशा में रहेगी। गोरोचन स्वरूप, मुकुट भूषण धारण किए हुए, सफेद केंचुरी लिए, दही का भक्षण करते हुए पश्चिम दिशा में जाएगी। महावर लपेटे प्रौढ़ावस्था रहेगी। नक्षत्र नाम महोदरी, जो चोरों के लिए हितकर है और वार नाम मंदाकिनी, जो सेना के जवानों के लिए सुखद और विजयकारक होगा।
 
इनको होगा फायदा
 
इस बार की संक्रांति राजनेता, सचिव स्तर के अधिकारी, राजपत्रित अधिकारी, नीति-निर्देशक, अधीक्षण यंत्री आदि वर्ग के लिए फलदायी रहेगी।
 
यह है परंपरागत महत्व
 
मकर राशि में जब सूर्य देवता आते हैं तो देवता, नाग, गंधर्व, किन्नर, ऋषि-मुनि, संत आदि घाटों पर स्नान करते हैं। रामचरित मानस में भी संक्रांति पर्व का महत्व बताया गया है। इस दिन स्नान से मनुष्य शारीरिक व मानसिक रोगों से मुक्त होता है।

 
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