Surya Arghya on Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति पर सूर्य को अर्घ्य कैसे दें, जानें उचित विधि और नियम

WD Feature Desk
गुरुवार, 9 जनवरी 2025 (13:08 IST)
14 जनवरी 2025 मंगलवार के दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। सूर्य आराधना का यह दिन हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाता है और धीरे-धीरे दिन बड़े होने लगते हैं। सूर्य के मकर राशि में जाने को ही मकर संक्रांति कहते हैं। मकर संक्रांति और छठ पूजा के दिन सूर्य को अर्घ्य देने का खास महत्व माना गया है। आओ जानते हैं सूर्य को अर्घ्य कैसे दें, जानें उचित विधि और नियम।
 
सूर्य को अर्घ्य कैसे दें, जानें उचित विधि और नियम:
1. सर्वप्रथम प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व शुद्ध होकर स्नान करें। 
2. तत्पश्चात उदित होते सूर्य के समक्ष आसन लगाए।
3. आसन पर खड़े होकर तांबे के पात्र में पवित्र जल लें।
4. उसी जल में मिश्री भी मिलाएं। कहा जाता है कि सूर्य को मीठा जल चढ़ाने से जन्मकुंडली के दूषित मंगल का उपचार होता है। 
5. मंगल शुभ हो तब उसकी शुभता में वृद्दि होती है।
6. जैसे ही पूर्व दिशा में सूर्यागमन से पहले नारंगी किरणें प्रस्फूटित होती दिखाई दें, आप दोनों हाथों से तांबे के पात्र को पकड़ कर इस तरह जल चढ़ाएं  कि सूर्य जल चढ़ाती धार से दिखाई दें।
7. प्रात:काल का सूर्य कोमल होता है उसे सीधे देखने से आंखों की ज्योति बढ़ती है। 
8. सूर्य को जल धीमे-धीमे इस तरह चढ़ाएं कि जलधारा आसन पर आ गिरे ना कि जमीन पर। 
9. जमीन पर जलधारा गिरने से जल में समाहित सूर्य-ऊर्जा धरती में चली जाएगी और सूर्य अर्घ्य का संपूर्ण लाभ आप नहीं पा सकेंगे। 
10. अर्घ्य देते समय निम्न मंत्र का पाठ करें -
 
'ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते। 
अनुकंपये माम भक्त्या गृहणार्घ्यं दिवाकर:।।' (11 बार) 
 
11. ' ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय, सहस्त्रकिरणाय। 
मनोवांछित फलं देहि देहि स्वाहा: ।।' (3 बार) 
 
12. तत्पश्चात सीधे हाथ की अंजूरी में जल लेकर अपने चारों ओर छिड़कें। 
13. अपने स्थान पर ही तीन बार घुम कर परिक्रमा करें। 
14. आसन उठाकर उस स्थान को नमन करें।
सूर्यदेव का पूजन कैसे करें?
1. प्रात:काल स्नान-ध्यान से निवृत होने के बाद सूर्यदेव के चि‍त्र को लाल या पीला कपड़ा बिछाकर लकड़ी के पाट पर रखें। 
2. मूर्ति को स्नान कराएं और यदि चित्र है तो उसे अच्छे से साफ करें।
3. पूजन में सूर्यदेव के सामने धूप, दीप अवश्य जलाना चाहिए। देवताओं के लिए जलाए गए दीपक को स्वयं कभी नहीं बुझाना चाहिए।
4. फिर उनके मस्तक पर हलदी कुंकू, चंदन और चावल लगाएं। फिर उन्हें हार और फूल चढ़ाएं। 
5. पूजन में अनामिका अंगुली (छोटी उंगली के पास वाली यानी रिंग फिंगर) से गंध (चंदन, कुमकुम, अबीर, गुलाल, हल्दी, मेहंदी) लगाना चाहिए।
6. पूजा करने के बाद प्रसाद या नैवेद्य (भोग) चढ़ाएं। ध्यान रखें कि नमक, मिर्च और तेल का प्रयोग नैवेद्य में नहीं किया जाता है। 
7. प्रत्येक पकवान पर तुलसी का एक पत्ता रखा जाता है। सूर्यदेव को मकर संक्रांति पर खिचड़ी, गुड़ और तिल का भोग लगाएं।
8. अंत में उनकी आरती करके नैवेद्य चढ़ाकर पूजा का समापन किया जाता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Lohri 2025: किस दिन मनाई जाएगी लोहड़ी 13 या 14 जनवरी? जानें सही डेट और महत्व

2025 में कब है पोंगल, जानें 4 दिनों तक क्यों मनाया जाता है यह पर्व?

वर्ष 2025 में लाल किताब के अनुसार शनि, राहु और केतु से बचने के लिए करें 5 अचूक उपाय

मकर संक्रांति पर जरूर करें 3 खास उपाय, सालभर भरी रहेगी तिजोरी

महाकुंभ 2025 में दर्शन का अद्वितीय स्थल: प्रयागराज का पड़िला महादेव मंदिर

सभी देखें

धर्म संसार

Surya Arghya on Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति पर सूर्य को अर्घ्य कैसे दें, जानें उचित विधि और नियम

महाकाल मंदिर में भस्म आरती के नियमों में परिवर्तन

कुंभ मेले के बाद कहां चले जाते हैं नागा साधु? जानिए कैसी होती है नागा साधुओं की रहस्यमयी दुनिया

Aaj Ka Rashifal: 09 जनवरी, आज इन 4 राशियों का प्रसन्नतापूर्वक बीतेगा समय, पढ़ें बाकी राशियां

09 जनवरी 2025 : आपका जन्मदिन

अगला लेख