मंगल ग्रह सेवा संस्थान की अनूठी पहल, पंढरपुर जाने वाले वारकरियों के लिए की पानी की व्यवस्था

विट्ठल नामा के भजन पर संत सखाराम महाराज दिंडी का पंढरपुर के लिए प्रस्थान

Webdunia
मंगलवार, 6 जून 2023 (18:59 IST)
अमलनेर। गले में ताल, हाथ में मृदंग, मुंह से विठ्ठल नाम जपते हुए दिंडी हर साल की तरह सोमवार दोपहर यहां संत सखाराम महाराज संस्थान से पंढरपुर के लिए रवाना हुई। इस बीच श्री मंगल ग्रह मंदिर के सेवकों द्वारा नंगे पांव तीर्थयात्रियों को ठंडा पानी पिलाकर उनकी प्यास बुझाने का कार्य किया।
 
संत सखाराम महाराज वाडी संस्थान की स्थापना संतश्री परम पूज्य प्रसाद महाराज ने की थी। संत श्री प्रसाद महाराज सुबह-सुबह पैलाड क्षेत्र स्थित तुलसी उद्यान पहुंचे। इस अवसर पर उनके हाथों से विथुरया की मूर्ति को तुलसी पत्र भेंट किया गया। इस अवसर पर ग्रामीण अंचल से संत सखाराम महाराज संस्थान में पधारे सैकड़ों श्रद्धालुओं व भक्तों ने संत श्री प्रसाद महाराज के दर्शन किए।
 
ऐसा होगा दिंडी मार्ग : संत श्री सखाराम महाराज संस्थान से अदगांव, भदगांव, नगरदेवला, नेरी, नगाड़, बेलखेड़ा, नागापुर, पिशोर, चिखलथाना, तकली, राजेराय, दौलताबाद, वालज, महरुल, बिडकिन, धोरकिन, पैठन, शेवगांव, कड़ा, आष्टी, नायबा, करमाला से होकर यह अरणगांव, नटराज, निंभौर, वडशीवाने, सप्तने, कारकम होते हुए पंढरपुर पहुंचेगी।
मंदिर के कार्यों की सराहना : इस साल पहली बार मंगल ग्रह सेवा संस्थान अमलनेर से पैदल पंढरपुर जाने वाले तीर्थयात्रियों को 6 किलोमीटर दूर तक ठंडा पानी पिलाने की व्यवस्था की गई। संत श्री प्रसाद महाराज के आशीर्वाद से मंगल ग्रह सेवा संस्थान के अध्यक्ष दिगंबर महाले ने सोमवार को संत सखाराम महाराज संस्थान में वारकारियों को जल वितरण करके इस पहल की शुरुआत की। इस अवसर पर सचिव सुरेश बाविस्कर एवं सेवक गण उपस्थित रहे। इस बीच चिलचिलाती धूप में सेवादारों ने ठंडे पानी से श्रद्धालुओं की प्यास बुझाई।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

क्या कर्मों का फल इसी जन्म में मिलता है या अगले जन्म में?

वैशाख अमावस्या का पौराणिक महत्व क्या है?

शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि में होंगे वक्री, इन राशियों की चमक जाएगी किस्मत

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका

धरती पर कब आएगा सौर तूफान, हो सकते हैं 10 बड़े भयानक नुकसान

घर के पूजा घर में सुबह और शाम को कितने बजे तक दीया जलाना चाहिए?

Astrology : एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठना चाहिए या नहीं?

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Varuthini ekadashi 2024: वरुथिनी व्रत का क्या होता है अर्थ और क्या है महत्व

अगला लेख