शिशु की नाजुक स्किन को लेकर पीढ़ियों से सुनी जा रही ये बातें मिथक हैं या सच्चाई
जानिए बच्चों की त्वचा के बारे में ऐसे फेक्ट्स जो हर मां को पता होने चाहिए
मिथक : नवजात शिशुओं के लिए तेल मालिश जरूरी है।
सच्चाई : नवजात शिशु की तेल मालिश बच्चे की त्वचा को नमी देने के लिए होती है। तेल मालिश करने की सलाह इसलिए दी जाति है ताकि बच्चे की त्वचा ड्राई और खुरदरी न हो।
लेकिन ज़रूरी नहीं कि तेल मालिश हर बच्चे के लिए उपयुक्त हो, खासकर अगर बच्चे को वंशानुगत एक्जिमा है या मौसम बहुत गर्म है। दरअसल, जन्म के तुरंत बाद बच्चे की पसीने की ग्रंथियां विकसित नहीं होती है। ऐसे में जब आप बच्चे को तेल लगाते हैं, तो घमौरियों और स्किन इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे में आप अपने बच्चे की त्वचा को पोषण देने के लिए, मॉइस्चर बेबी लोशन और क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मिथक : बच्चों की स्किन पर बेसन से स्क्रब करना चाहिए।
सच्चाई : डॉक्टर का कहना है कि यह व्यापक रूप से माना जाता है कि जब बेसन को बच्चे की त्वचा पर रगड़ा जाता है, तो बच्चे के शरीर के बारीक बालों से छुटकारा मिल जाता है। लेकिन ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां बेसन लगाना से बच्चों को स्किन प्रॉब्लम हो गई। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो बच्चे की स्किन पर ज्यादा बेसन लगाया जाए, तो यह स्किन डैमेज और लालिमा का कारण बन सकता है। जहां तक बात शरीर पर उगे हुए बालों की करें तो, अधिकांश शिशुओं के शरीर पर बाल पतले होते हैं, जो खुद-ब-खुद झड़ जाते हैं।
मिथक : इन्फेक्शन के लिए एंटीसेप्टिक का प्रयोग करना चाहिए।
सच्चाई : गर्मी, धूल या किसी अन्य कारणों से अगर बच्चों की स्किन पर किसी तरह का संक्रमण हो गया है, तो इस पर एंटीसेप्टिक का प्रयोग करना चाहिए। लेकिन यह धारणा बिल्कुल गलत है। ओवर-द-काउंटर एंटीसेप्टिक्स शिशुओं में त्वचा की जलन का सबसे आम कारण है।
मिथक : डायपर से रैशेज हो जाते हैं।
सच्चाई : अक्सर लोगों की राय होती है कि डायपर पहनाने से बच्चे को रैशेज हो जाते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि बच्चों को लंबे समय तक एक ही डायपर पहनाए रखने, सही साइज का डायपर न चुनने और सही क्रीम का इस्तेमाल करने की वजह से रैशेज की प्रॉब्लम होती है। बच्चे की साफ और स्वस्थ त्वचा के लिए हर 3-4 घंटे में डायपर बदलने की सलाह दी जाती है।
मिथक : बच्चों को दूध से नहलाना चाहिए।
सच्चाई : बहुत से घरों में आज भी ऐसा माना जाता है कि नवजात शिशुओं को अगर दूध से नहलाया जाए, तो यह उनकी स्किन पर अच्छा प्रभाव डालता है। लेकिन ऐसा नहीं है। नवजात शिशुओं को दूध से नहलाया जाए, तो यह इंफेक्शन का कारण हो सकता है। इसके अलावा दूध से नहाए बच्चे के आसपास मक्खी और मच्छर ज्यादा पनपते हैं, ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा भी ज्यादा होता है।
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