जब शिशु जन्म हो समय से पूर्व

गायत्री शर्मा
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कहते हैं शिशु की माँ के गर्भ में रहने की अवधि नौ मास होती है। इस अवधि में गर्भ में शिशु का विकास होता है तथा नौ माह बाद उसका शरीर परिपक्वता प्राप्त करता है लेकिन कभी-कभी किसी कारण से शिशु का जन्म नौ मास से पूर्व ही हो जाता है। ऐसे अर्धविकसित शिशु को प्री मेच्योर बेबी कहा जाता है।

इस प्रकार के शिशु अर्धविकसित होते हैं, जिनके जीवित बचने के आसार बहुत कम होते हैं क्योंकि इन्हें विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। लेकिन फिर भी कुछ लक्षण ऐसे है, जो शिशु के जीवित बचने की संभावनाओं को बढ़ा देते हैं, जिनमें शिशु का वजन, दूध पीने की शक्ति, उसके स्वास्थ्य में सुधार की क्षमता, शिशु के शरीर का तापक्रम आदि प्रमुख हैं।

अधिकांश प्री मेच्योर बेबी तो सुविधाओं के अभाव में जन्म लेने के कुछ ही घंटों बाद दम तोड़ देते हैं परंतु कुछ‍ शिशु खुशकिस्मत होते हैं, जिन्हें सही समय पर सही इलाज मिल जाता है। इस प्रकार के बच्चों को बचाया जा सकता है अगर निम्न सावधानियाँ रखी जाएँ -

* शिशु के लिए ताप नियंत्रित कक्ष की व्यवस्था हो।
* शिशु को निर्जलीकरण से बचाने के लिए कमरे में कुछ आर्द्रता रखनी चाहिए।
* शिशु को वर्षा, धूप व शीत से बचाना चाहिए।
* शिशु को किसी सर्वसुविधायुक्त नर्सिंग होम में रखना चाहिए।
* कुशल शिशु रोग विशेषज्ञ से शिशु का इलाज कराया जाए।

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