बच्‍चे में लाएँ व्‍यवहार की समझ - 3

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कुछ जिम्मेदारियाँ भी उन पर डालें। जैसे, स्कूल जाते समय बैग में टिफिन रखने की जिम्मेदारी बच्चे को सौंपें। टिफिन भूलने पर इसका परिणाम उसे भुगतने दें।

फालतू बहस में न पड़ें। अपनी बात कहें, तीन तक गिनें और चले जाएँ। हर 'क्यों' का जवाब न दें। एक बार बहस की शुरुआत हो गई, तो आगे चलकर यही आदत उसे मुँहजोर बना देगी।

अतः थोड़े बड़े बच्चों को संक्षिप्त और सहज भाषण में कारण दे सकते हैं। उसके बाद असर देखें। बच्चे को महसूस कराएँ कि वो आपके लिए महत्वपूर्ण है। हँसी-मजाक से माहौल को हल्का बनाए रखें।
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