सिगरेट के धुएँ से बचाएँ बच्‍चे को

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सिगरेट या बीड़ी के धुएँ का बच्चे की श्वास-प्रश्वास प्रणाली पर इतना विपरीत प्रभाव पड़ता है कि वे अस्थमा के भी शिकार हो जाते हैं।

यदि बच्चे पहले से ही अस्थमा का शिकार हैं तो उसकी स्थिति सिगरेट के धुएँ से और बिगड़ सकती है। उसे अस्थमा के अनियंत्रित दौरे भी पड़ सकते हैं।

सेकेंड हैंड स्मोकिंग के कारण हर साल अस्थमा के नए बाल रोगियों की संख्या बढ़ जाती है।

धूम्रपान का धुआँ बच्चों में निमोनिया या पल्मोनरी ब्रोंकाइटिस अर्थात् साँस के साथ उठने वाली खाँसी की समस्या पैदा कर सकता है।
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