तू न बदली मां मगर हर रोज़ बदला ये जहां

सेहबा जाफ़री
लब-ओ-लहजा हो कैसा भी 
आहट बनावट कुछ भी हो 
दिल है तुम्हारा एक सा 
सूरत सजावट कुछ भी हो 
 
तुम चीन में हो या चाँद पर 
दिल तो तुम्हारा घर में है 
चिड़िया हो जैसे दूर पर 
अटका तो दिल शजर में है 
 
जब तक हो तुम हर आस है 
दो जहां की खुशियां पास है 
तेरी दो आंखों में मै हूं
ये ही सबसे ख़ास है 
 
सदियों से बदले दौर ने 
हर एक को बदला यहां 
तू न बदली मां मगर 
हर रोज़ बदला ये जहां 
 
तू है तो दिन है रात है 
तू है तो हर इक बात है 
तू है तो घर भी घर है मां  
घर के मकीं भी साथ हैं 
 
अल्लाह करे साया तेरा 
यूं ही मेरे सर पर रहे 
तेरी दुआएं साथ हो 
जब जब भी हम भंवर में रहे ....

ALSO READ: वसंत तुमसे अलग नहीं है

ALSO READ: मां, मुझे करुणा का अर्थ नहीं आता

Show comments

इस Mothers Day अपनी मां को हाथों से बनाकर दें ये खास 10 गिफ्ट्स

मई महीने के दूसरे रविवार को ही क्यों मनाया जाता है Mothers Day? जानें क्या है इतिहास

वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे

इन विटामिन की कमी के कारण होती है पिज़्ज़ा पास्ता खाने की क्रेविंग

गर्मियों में ये 2 तरह के रायते आपको रखेंगे सेहतमंद, जानें विधि

Chanakya niti : यदि सफलता चाहिए तो दूसरों से छुपाकर रखें ये 6 बातें

Mothers Day 2024 : मदर्स डे पर पढ़ें इतिहास, शायरी, कविताएं और रोचक जानकारी एक साथ

रिश्ते से खुश नहीं है आपका पार्टनर!

टीनेजर्स को रोज करना चाहिए ये 5 योगासन, हारमोंस रहेंगे बैलेंस

शादी से पहले पार्टनर से जरूर पूछें ये 5 सवाल

अगला लेख