मां पर लिखी बिलकुल नई कविता : मेरी मां मेरे हर पल में साथ है...

Webdunia
प्रथमेश व्यास
पालने में झुलाने से, पहला निवाला खिलाने तक 
रोना बंद कराने से, बैठना-चलना सिखाने तक 
मेरी मां मेरे हर पल में साथ है... 
मेरा टिफ़िन बनाने से, मुझे काबिल बनाने तक ! 
 
तुझसे ही तो सीखा था पहला शब्द अपना , 
तेरी गोदी में ही तो देखा था वो सुनहरा सपना 
मेरी मां सब तूने ही सिखाया है...
चाहे वो पढ़ना हो या बड़ों का मान रखना।   
 
कैसे मेरी ऊंगली पकड़कर मुझे स्कूल ले जाती थी ,
कैसे सोते वक्त सहलाती-लोरी सुनाती थी 
मेरी मां मुझे आज भी याद है ...
कैसे तू बाबा से लड़कर मुझे खिलौने दिलाती थीं 
 
गर्मी में तू आम खिलाती, सर्दी में स्वेटर बुनती है
कोई सुने या ना सुने, तू बात मेरी हर सुनती है
मेरी मां तू मूरत प्रेम की ...
तेरे उपकारों की नहीं कोई गिनती है 
 
तेरी बदौलत ही जनम पाया है  
तुझसे ही साहस-संबल आया है
मेरी मां तेरा शुक्रिया ...
तेरी मुस्कान ने ही जीना सिखाया है....  

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

शिशु को ब्रेस्ट फीड कराते समय एक ब्रेस्ट से दूसरे पर कब करना चाहिए शिफ्ट?

प्रेग्नेंसी के दौरान पोहा खाने से सेहत को मिलेंगे ये 5 फायदे, जानिए गर्भवती महिलाओं के लिए कैसे फायदेमंद है पोहा

Health : इन 7 चीजों को अपनी डाइट में शामिल करने से दूर होगी हॉर्मोनल इम्बैलेंस की समस्या

सर्दियों में नहाने से लगता है डर, ये हैं एब्लूटोफोबिया के लक्षण

घी में मिलाकर लगा लें ये 3 चीजें, छूमंतर हो जाएंगी चेहरे की झुर्रियां और फाइन लाइंस

सभी देखें

नवीनतम

इतना चटपटा चुटकुला आपने कभी नहीं पढ़ा होगा: इरादे बुलंद होने चाहिए

Winter Fashion : सर्दियों में परफेक्ट लुक के लिए इस तरह करें ओवरसाइज्ड कपड़ों को स्टाइल

क्या है सर्दियों में धूप सेंकने का सही तरीका, जानिए कितनी देर धूप लेना है सही

सर्दियों का सुपर food है ब्रोकली, विंटर्स में Broccoli खाने से सेहत को मिलते हैं ये चौंकाने वाले फायदे Meta Description:

Jhalkari Bai: प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की साहसी महिला झलकारी बाई की जयंती, जानें अनसुनी बातें

अगला लेख