✕
समाचार
मुख्य ख़बरें
राष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय
प्रादेशिक
मध्यप्रदेश
उत्तर प्रदेश
क्राइम
फैक्ट चेक
ऑटो मोबाइल
व्यापार
मोबाइल मेनिया
लोकसभा चुनाव
समाचार
स्पेशल स्टोरीज
रोचक तथ्य
चर्चित लोकसभा क्षेत्र
लोकसभा चुनाव का इतिहास
भारत के प्रधानमंत्री
IPL 2024
IPL टीम प्रीव्यू
बॉलीवुड
बॉलीवुड न्यूज़
मूवी रिव्यू
वेब स्टोरी
आने वाली फिल्म
खुल जा सिम सिम
बॉलीवुड फोकस
आलेख
सलमान खान
सनी लियोन
टीवी
मुलाकात
धर्म-संसार
एकादशी
श्री कृष्णा
रामायण
महाभारत
व्रत-त्योहार
धर्म-दर्शन
शिरडी साईं बाबा
श्रीरामचरितमानस
आलेख
ज्योतिष
दैनिक राशिफल
रामशलाका
राशियां
आज का जन्मदिन
आज का मुहूर्त
लाल किताब
वास्तु-फेंगशुई
टैरो भविष्यवाणी
चौघड़िया
लाइफ स्टाइल
वीमेन कॉर्नर
सेहत
योग
NRI
मोटिवेशनल
रेसिपी
नन्ही दुनिया
पर्यटन
रोमांस
साहित्य
श्रीरामचरितमानस
धर्म संग्रह
काम की बात
क्रिकेट
अन्य खेल
खेल-संसार
शेड्यूल
श्रीराम शलाका
मध्यप्रदेश
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
चुटकुले
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
Hindi
English
தமிழ்
मराठी
తెలుగు
മലയാളം
ಕನ್ನಡ
ગુજરાતી
समाचार
लोकसभा चुनाव
IPL 2024
बॉलीवुड
धर्म-संसार
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
श्रीरामचरितमानस
धर्म संग्रह
काम की बात
क्रिकेट
श्रीराम शलाका
मध्यप्रदेश
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
Hindi Poem on Maa : अब तुम मुझको मां नहीं लगती
Webdunia
शिरीन भावसार
अब तुम मुझको मां नहीं लगती
रिश्तों के अथाह समंदर से
गुज़रने के पश्चात
उम्र के जिस पड़ाव पर मैं खड़ी हूं,
जब तुम्हें वहां से देखती हूं
सच कहती हूं
तब तुम मुझको मां नहीं लगती.
इस जीवन सफ़र में
संवार कर सबको
बढ़ जाने दिया,
बह जाने दिया तुमने
किन्तु थाम कर हाथ तुम्हारा
बहा ले जाएं कोई साथ तुम्हें भी,
आंखों में जब तुम्हारी
वो उम्मीद का तारा देखती हूं
सच कहती हूं
तब तुम मुझको मां नहीं लगती.
नमन ,वंदन, स्तवन के शब्दों से परे भी
कई शब्द होते हैं
जिन्हें सुनना चाहती हो तुम,
यह महसूस करने लगी हूं अब.
आंखों में स्नेहयुक्त
लालसा
के साथ
जब तुम्हें तकता पाती हूं
सच कहती हूं
तब तुम मुझको मां नहीं लगती.
अब भी हो तुम अटल
स्थान पर अपने,
आंचल से अपने बुहार कर
पगडंडियों को राहें बनाती,
दिशा ज्ञान कराती.
देखती हूं जब तुम्हें
नींव का पत्थर हो जाते
सच कहती हूं
तब तुम मुझको मां नहीं लगती.
देहरी से तेरी कदम बाहर रख
हर रिश्ते को जीते हुए,
जीवन के कई पड़ाव पार कर
जिस मुक़ाम पर हूं मैं,
अब तेरी वेदना-संवेदना की,
समर्पण की,स्नेह की,स्पर्शों की
भागीदारिणी हो गई हूं मैं
क्योंकि अब सिर्फ बिटिया
नहीं रही हूं मैं,स्त्री हो गई हूं.
इसीलिए तो
सच कहती हूं
अब तुम मुझको मां नहीं लगती.
ALSO READ:
मातृ दिवस 2023 पर नई कविता : मां बनी तुम जीवन आधार
वेबदुनिया पर पढ़ें
समाचार
बॉलीवुड
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
धर्म-संसार
महाभारत के किस्से
रामायण की कहानियां
रोचक और रोमांचक
सम्बंधित जानकारी
काश, मां तुम बांटने दुलार फिर आ जाती : मां पर कविता
short story on mother's day in Hindi : मायके की प्यास
क्या आपने अपनी मां के ये 5 हेल्थ चैकअप करवाए हैं?
मां पर कवि ओम व्यास ओम की कविता : मां संवेदना है, भावना है, अहसास है...
मातृ दिवस पर हिन्दी कविता : मेरा दर्पण है वो, मैं उसकी छवि...
Show comments
सभी देखें
जरुर पढ़ें
इस चाइनीज सब्जी के आगे पालक भी है फैल! जानें सेहत से जुड़े 5 गजब के फायदे
आइसक्रीम खाने के बाद भूलकर भी न खाएं ये 4 चीज़ें, सेहत को हो सकता है नुकसान
सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है नारियल की मलाई, ऐसे करें डाइट में शामिल
लू लगने से आ सकता है हार्ट अटैक, जानें दिल की सेहत का कैसे रखें खयाल
जल्दी निकल जाता है बालों का रंग तो आजमाएं ये 6 बेहतरीन टिप्स
सभी देखें
नवीनतम
AC का मजा बन जाएगी सजा! ये टेंपरेचर दिमाग और आंखों को कर देगा डैमेज, डॉक्टरों की ये सलाह मान लीजिए
गर्मी में फलों की कूल-कूल ठंडाई बनाने के 7 सरल टिप्स
घर में नहीं घुसेगा एक भी मच्छर, पोंछे के पानी में मिला लें 5 में से कोई एक चीज
क्या कभी खाया है केले का रायता? जानें विधि
जीने की नई राह दिखाएंगे रवींद्रनाथ टैगोर के 15 अनमोल कथन
अगला लेख
World Cocktail Day पर ट्राय करें ये खास तरह के 5 मॉकटेल, अभी नोट करें रेसिपी