मां पर कविता : मां मुझको भी तुम जादू की छड़ी ला दो न...

Webdunia
poem on mothers day 2023 in hindi
-अनिता दीपक,इंदौर
 
पानी सा निर्मल प्यार तेरा
गूंथ आटा उससे बेल बेल बढ़ाती हो
थपकियों दे दे कर आंचल सा फैलाती हो
नरम गरम सी समझाईश तेरी
सेंक सेंक कर घी सा स्नेह लगाती हो
 
धीमी-धीमी आंच पर हिम्मत को पकाती हो
अपने अहम को जलाकर स्वाभिमान बढ़ाती हो
बातों बातों में अपना हुनर मुझको भी सिखाती हो
दाल में माखन सा प्यार पिघलाकर रोज तुम खिलाती हो
कैसे कर लेती हो ये सब
इतना दिल बड़ा कहां से लाती हो
सबके नखरे सहकर भी हमेशा ही मुस्काती हो
अपने हिस्से की खुशियां मां मुझपर ही लुटाती हो
 
सिकुड़ता जब मेरा मनोबल
तुम ममता सी चादर ओढ़ाती हो
पास रहूं या दूर तुझसे  
तुम सारा हाल समझ जाती हो
मां तुम ये प्यार की गागर भर के कहां से लाती हो
भर भर कर इतना प्यार कैसे सब पे लुटाती हो
 
मां मुझको भी तुम जादू की छड़ी ला दो न......
मैं भी तो ये जान सकूं मां कैसे तुम ये सब कर पाती हो.....
ALSO READ: Mother’s Day 2023: मदर्स डे पर 3 कविताएं

ALSO READ: मई 2023 में कब है मदर्स डे, जानिए क्यों मनाया जाता है? क्या है इतिहास?

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

21 जून योग दिवस 2025: सूर्य नमस्कार करने की 12 स्टेप और 12 फायदे

हर यंगस्टर को रोज करना चाहिए ये 5 योगासन

21 जून योग दिवस का इतिहास, जानें 2025 की थीम से हम क्या सीखें

योग दिवस 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है, जानें कारण और इसका महत्व

21 जून योग दिवस 2025: अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के 10 फायदे

सभी देखें

नवीनतम

योग की चमत्कारी शक्ति, व्हीलचेयर से उठ खड़े हुए फोटो पत्रकार

एक्सरसाइज़ के बाद प्रोटीन की कमी पूरी करने के लिए लीजिए ये हेल्दी स्नैक्स, स्वाद भी है लाजवाब

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: मानवता के लिए अमूल्य उपहार है योग

चिंता करने का भी तय करें टाइम, एंजाइटी होगी मिनटों में दूर

डिलीवरी के बाद अगर आपको भी स्ट्रेच मार्क की है चिंता तो अपनाइए ये टिप्स, नहीं पड़ेंगे निशान

अगला लेख