मध्यप्रदेश में कांग्रेस का सत्ता में वापसी का 'स्पेशल प्लान'

विशेष प्रतिनिधि
मध्यप्रदेश में 15 साल से सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही कांग्रेस ने इस बार जीत हासिल करने के लिए 'स्पेशल प्लान' बनाया है। लगभग डेढ़ दशक से सत्ता से दूर पार्टी इस बार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाह रही है। अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पार्टी लगातार नए प्रयोग कर रही है।
 
 
चुनाव से करीब 6 महीने पार्टी हाईकमान ने केंद्र की सियासत में लंबे समय से सक्रिय पार्टी के वरिष्ठ नेता और छिंदवाड़ा से सांसद कमलनाथ की नियुक्ति प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर की। ठीक इसके बाद प्रदेश में कांग्रेस के दूसरे बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी हाईकमान ने चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया।
 
इस तरह इन दोनों वरिष्ठ नेताओं पर अब पार्टी को सत्ता में वापस लाने की जिम्मेदारी है, वहीं चुनाव से ठीक पहले अब ये चर्चा जोर-शोर से सियासी गलियारों में चल रही है कि पार्टी हाईकमान अब इन दोनों नेताओं को विधानसभा के चुनावी मैदान में उतारने का मन बना रहा है। चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बात के संकेत भी दे दिए हैं।
 
चुनावी दौरे पर निकले ज्योतिरादित्य सिंधिया से जब विधानसभा चुनाव लड़ने के बारे में पूछा तो सिंधिया ने कहा कि वे पार्टी हाईकमान के हर निर्देश का पालन करते आए हैं और आगे भी करेंगे। सियासी गलियारों में चर्चा तो इस बात की भी है कि सिंधिया उज्जैन संभाग की किसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। इसी तरह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के भी चुनाव लड़ने की चर्चा जोर-शोर से चल रही है।
 
कमलनाथ के चुनाव लड़ने की अटकलें उनके प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद से ही शुरू हो गई हैं, वहीं नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व सांसद सुरेश पचौरी और सज्जन सिंह वर्मा, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के साथ ही मीनाक्षी नटराजन को पार्टी चुनावी मैदान में उतारने का प्लान कर रही है।
 
पार्टी हाईकमान प्रदेश में कांग्रेस के अपने हर बड़े चेहरों पर दांव खेलने की तैयारी में है। पार्टी प्लान कर रही है कि इन दिग्गज नेताओं को प्रदेश में अलग-अलग अंचलों से चुनावी मैदान में उतारा जाए जिससे कि कार्यकर्ताओं में जोश भरने के साथ ही उस क्षेत्र की आसपास की सीटों पर इन नेताओं का प्रभाव पड़ सके।
 
दिग्गज नेताओं के चुनाव लड़ने से इन सीटों पर पार्टी की जीत की उम्मीदें भी पहले से कही अधिक बेहतर हो जाएंगी, वहीं चुनाव में पार्टी गुटबाजी और भितरघात रोकने के लिए टिकट के दावेदारों से शपथ पत्र भरवाने जैसे फॉर्मूले को भी अपना रही है। पार्टी विधानसभा चुनाव को लेकर हर उस प्लान पर काम कर रही है जिससे कि उसे सत्ता हासिल हो सके।

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