Life in the time of corona: ऐसी सोशल डिस्‍टेंसिंग देखी है कहीं?

नवीन रांगियाल
कहते हैं शराब के नशे में आदमी सबसे ज्‍यादा ईमानदार होता है, सच- सच बोलता और वैसा ही व्‍यवहार करता है, लेकिन दुनिया के साथ ही अब पीने वाले थोड़े और अपग्रैड हो गए हैं।

शराब का असर ऐसा कि दुकान की चौखट पर पहुंचते ही लोग आर्मी के जवानों की तरह बिहेव करने लगे। वो भी पीने से पहले ही यानी सादे में ही।

सोशल मीडिया खासतौर से व्‍हाटसएप्‍प पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। संभवत: यह किसी ट्राइबल इलाके का वीडियो है। एक देशी दारू की दुकान पर लोग बोतलें खरीद रहे हैं।

इसके लिए बकायदा नियम बनाए गए हैं, पूरी व्‍यवस्‍था। ठीक उसी तरह जैसे प्रशासन की तरफ से किसी बड़े आयोजन की तैयारी की गई हो। शराब दुकान की विंडो तक पहुंचने के लिए बैरिकेडिंग की गई है। ताकी कोई अफरा-तफरी न हो। बोतल खरीदने वाला बंदा पूरे अनुशासन के साथ बैरिकेडिंग के नियमों का पालन करता हुआ ही दुकान की विंडो तक पहुंचेगा।

लेकिन ज्‍यादा भीड़ बढ़ने की स्‍थिति में बैरिकेडिंग के पहले चूने से बकायदा लाइन खींचकर खाने बनाए गए हैं। खरीददार अपने-अपने खाने में खड़े होकर ही लाइन में लगते हैं और अपनी बारी का इंतजार करते हैं। जब तक दूसरा आगे नहीं बढ़ता तब तक कोई धक्‍का मुक्‍की नहीं।


अब इस व्‍यवस्‍था को पीने वालों का अनुशासन कह लो या कुछ और, लेकिन कोरोना वायरस के संकट के दौर में उससे बचने के लिए सोशल डिस्‍टेंसिंग का यह सबसे बेहतरीन उदाहरण है।

इंदौर वालों को यह सोशल डिस्‍टेंसिंग इन्‍हीं लोगों से सीखना चाहिए। अगर यह किया होता तो इंदौरी न तो राजवाड़ा और पाटनीपुरा पर जाकर जुलुस निकालते और न ही प्रधानमंत्री मोदी उन पर नाराज होते।
लेकिन क्‍या करें, सोशल डिस्‍टेंसिंग हर किसी के बस की बात नहीं।

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