dipawali

सोशल मीडिया पर इन गलतियों से बचें

डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी
#माय हैशटैग
 
सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म अपनी अलग-अलग खूबियां रखते हैं। उन सबका उद्देश्य भी अलग-अलग है, लेकिन कई लोग यह गलती कर जाते हैं कि वे इस अंतर को नहीं समझ पाते। उन्हें लगता है कि सारे प्लेटफार्म सोशल मीडिया के हैं और वे उसका उपयोग किसी भी तरह कर लेना चाहते हैं, जबकि यह सही तरीका नहीं है।

फेसबुक, ट्विटर, यू-ट्यूब, वाट्सएप, इंस्टाग्राम, स्नैपचेट, गूगल प्लस, पिंटरेस्ट आदि हर प्लेटफार्म का अल्गोरिदम अलग-अलग है और वे अलग-अलग तरीके से बनाए गए सर्च इंजन के मुताबिक पसंद-नापसंद का चयन करते हैं। इस बात को सोशल मीडिया के कई विशेषज्ञ भी समझ नहीं पाते और वे ऐसी गलतियां कर जाते हैं, जो नहीं की जानी चाहिए।

अव्वल बात तो यह कि अनेक संस्थाओं और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की सोशल मीडिया को लेकर कोई पॉलिसी है ही नहीं। उन्हें जो सूझता है, उसे ही वे करने बैठ जाते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। कुछ विद्वानों ने सोशल मीडिया की तुलना इसीलिए अंधों के हाथों से की है। सब अपनी-अपनी कल्पना और अंदाज से सोशल मीडिया पर उपस्थिति दर्ज कराते रहते हैं।

कई बार हम देखते हैं कि कंपनियां अपने प्रोडक्ट को लोकप्रिय बनाने के लिए सोशल मीडिया के हर एक प्लेटफार्म पर सक्रिय हो जाती हैं। उन्हें लगता है कि सोशल मीडिया से ही उनका कारोबार बढ़ेगा। वास्तविकता यह है कि जब वे अपने कारोबार पर ध्यान देंगे और उसे बढ़ाने के लिए प्रयत्न करेंगे, तब सोशल मीडिया उसमें मदद करेगा, लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से ही कारोबार होने लगेगा, यह एक कल्पना मात्र है।

कई लोग एक ही पोस्ट को सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म पर जैसे का तैसा शेयर कर देते हैं। यह बेहद उबाऊ और घटिया काम है। इसलिए कई बार हमें फेसबुक पेज पर ट्विटर के हैशटैग नजर आ जाते हैं और इंस्टाग्राम के भी। ऐसा करने से यूजर्स को लगता है कि अगर संस्थान के पास इतना धीरज भी नहीं है कि हर एक के लिए अलग-अलग पोस्ट लिखी जा सकें, तो उससे क्या अपेक्षा की जाए? यह ऐसा ही है, जैसा कि प्रिंट का विज्ञापन टेलीविजन में दिखा दिया जाए और टेलीविजन के विज्ञापन को प्रिंट में दिखाने की कोशिश की जाए।

सोशल मीडिया पर अनेक लोगों के पोस्ट बेहद मशीनी होते हैं। साफ-साफ नजर आता है कि यह कंट्रोल+कॉपी+पेस्ट किया गया मैटर है। कोई भी यह अपेक्षा क्यों करता है कि जिस पोस्ट को लिखने के लिए आपके पास समय नहीं है, उसे पढ़ने के लिए यूजर्स वक्त निकालेंगे। बिना मानवीय भावनाओं और संवेदनाओं के सोशल मीडिया पर कोई भी पोस्ट अपना असर और प्रभाव नहीं छोड़ सकती।

कई लोग समझते हैं कि हैशटैग लगा देना ही काफी है। वे यह भूल जाते हैं कि हैशटैग तभी महत्वपूर्ण होता है, जब सही जगह सही हैशटैग का इस्तेमाल किया जाए। कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर हैशटैग उतने प्रभावी माध्यम नहीं भी हैं। इंस्टाग्राम में उपयोग किया जाने वाला हैशटैग फेसबुक पर शायद कोई प्रभाव ना छोड़ पाए।

कई लोग सोशल मीडिया पर ही ज्ञान की गंगा बहाने लगते हैं। उन्हें यह इतनी सी बात समझ में नहीं आती कि सोशल मीडिया के यूजर्स कोई गीता-रामायण पढ़ने नहीं आए हैं। उन्हें यहां जीवन का दर्शन नहीं चाहिए। न ही उन्हें यहां आपके जीवन की महानताओं के किस्से पढ़ने में रुचि है। आपकी पोस्ट को देखने और लाइक करने वाला भी आपके ही जैसा सामान्य व्यक्ति है और उसे भी उतना ही ज्ञान प्राप्त है, जितना कि आपको है। भले ही ऐसा नहीं भी हो, पर वह समझता है कि ज्ञान के मामले में वह यूजर कोई कम नहीं है। ऐसे में सोशल मीडिया पर ज्ञान की गंगा बहाना व्यर्थ है।

छोटी-मोटी बातों को ध्यान दिया जाए तो सोशल मीडिया का प्रयोग और प्रभावी उपयोग कोई भी कर सकता है। आंखें मूंदकर किसी का अनुसरण न करें। अपना दिमाग लगाएं और सही लोगों तक पहुंचें। यही सोशल मीडिया पर लोगों की दरकार रहती है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

Brain health: इस आदत से इंसानी दिमाग हो जाता है समय से पहले बूढ़ा, छोटी उम्र में बढ़ जाता है बुढ़ापे वाली बीमारियों का खतरा

ये है अचानक हार्ट अटैक से बचने का 7-स्टेप फॉर्मूला, जानिए अपने दिल का ख्याल रखने के सात 'गोल्डन रूल्स'

स्प्राउट्स खाने के बाद नहीं लगेगा भारीपन, जानिए अंकुरित अनाज खाने का सही तरीका

पहली बार भारतीय मुद्रा पर भारत माता की छवि अंकित, जानिए छपे आदर्श वाक्य का अर्थ

तेज़ी से फैल रहा यह फ्लू! खुद को और अपने बच्चों को बचाने के लिए तुरंत अपनाएं ये 5 उपाय

सभी देखें

नवीनतम

Diwali 2025: दिवाली की रात क्या नहीं करना चाहिए और क्या करें, पढ़ें 18 काम की बातें

Zoho mail vs Gmail: Zoho Mail के 10 शानदार फीचर जो बढ़ा रहे हैं इसका क्रेज, जानिए Gmail से कैसे है अलग

Mrs Universe 2025: मिसेज यूनिवर्स 2025 का ताज पहन शेरी सिंह ने रचा इतिहास, भारत को पहली बार मिला यह प्रतिष्ठित खिताब

Sanskriti Jain IAS: कौन हैं शाही फेयरवेल पाने वाली IAS अधिकारी, सहकर्मियों ने पालकी में बैठा कर बेटी की तरह किया विदा

चीन और भारत की भू-राजनीतिक रेल प्रतिस्पर्धा

अगला लेख